बायोलाजिकल ई की कोर्बेवैक्स नवंबर अंत तक हो सकती है लांच, कंपनी ने तैयारी की 10 करोड़ डोज

कंपनी ने इस वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए डीएफसी के साथ पांच करोड़ डालर (करीब 350 करोड़ रुपये) का वित्तपोषण समझौता किया है। उत्पादन विस्तार को लेकर हुए समझौते के मौके पर दतला के साथ ही डीएफसी के सीओओ डेविड मार्चिक भी मौजूद रहे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 07:05 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 07:09 PM (IST)
बायोलाजिकल ई की कोर्बेवैक्स नवंबर अंत तक हो सकती है लांच, कंपनी ने तैयारी की 10 करोड़ डोज
उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिकी संस्था से 350 करोड़ रुपये का किया समझौता

हैदराबाद, प्रेट्र। दवा उत्पादक कंपनी बायोलाजिकल ई की कोरोना रोधी वैक्सीन कोर्बेवैक्स के अगले महीने के अंत तक लांच होने की उम्मीद है। कंपनी की महानिदेशक महिला दतला ने सोमवार को कहा कि कंपनी ने लांच के लिए इसकी 10 करोड़ डोज तैयार कर ली हैं।

वह वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका के इंटरनेशनल डेवलपमेंट फाइनेंस कारपोरेशन (डीएफसी) के साथ एक वित्तपोषण समझौते पर हस्ताक्षर करने के मौके पर पत्रकारों के साथ बातचीत कर रही थीं। उन्होंने बताया कि कंपनी जो डोज तैयार की हैं उन्हें नियामक जांच के लिए हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) भेजा जा रहा है।

दतला ने बताया कि कोर्बेवैक्स अभी तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण की अवस्था में है। नवंबर के अंत तक सभी अध्ययन पूरा कर लिए जाने की उम्मीद और उसी समय तक नियामक मंजूरी भी मिलने की संभावना है। उसके एक महीने बाद बच्चों की वैक्सीन के लिए लाइसेंस मिलना चाहिए। बच्चों पर भी इस वैक्सीन की परीक्षण चल रहा है।

कंपनी ने इस वैक्सीन की उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए डीएफसी के साथ पांच करोड़ डालर (करीब 350 करोड़ रुपये) का वित्तपोषण समझौता किया है। उत्पादन विस्तार को लेकर हुए समझौते के मौके पर दतला के साथ ही डीएफसी के सीओओ डेविड मार्चिक भी मौजूद रहे।

कंपनी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक मार्चिक ने कहा कि बायोलाजिकल ई के साथ डीएफसी की साझेदारी भारत और दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए 2022 के अंत तक एक अरब से अधिक वैक्सीन की डोज तैयार कर लेगी।

वहीं, दतला ने अमेरिकी सरकार, खासकर डीएफसी से वित्तीय मदद मिलने पर खुशी जताई, जिसकी घोषणा मार्च में क्वाड शिखर सम्मेलन में हुई थी। उन्होंने कहा कि यह निवेश न सिर्फ हमारी वैक्सीन उत्पादन क्षमता को बढ़ाने में मददगार होगा, बल्कि कोरोना संक्रमण के प्रसार से जूझ रहे विश्व समुदाय की भी मदद करेगा।

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