पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के इन फैसलों को कब पलटेंगे बाइडन, पूरी दुनिया को है इसका इंतजार

बाइडन ने अमेरिका की सत्‍ता हाथ में लेते ही पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के फैसलों को पलटने की शुरुआत कर दी है। पेरिस समझौते के बाद अब दो और बड़े फैसले हैं जिनको पलटने का इंतजार पूरी दुनिया कर रही है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 09:25 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 09:25 AM (IST)
पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के इन फैसलों को कब पलटेंगे बाइडन, पूरी दुनिया को है इसका इंतजार
बाइडन ने संभाल ली है अमेरिका की सत्‍ता

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने सत्‍ता संभालते ही अपना काम शुरू कर दिया है। इसके तहत उन्‍होंने सबसे पहले पेरिस समझौते में फिर से शामिल होने का एलान किया है। गौरतलब है कि इस समझौते से पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने अगस्‍त 2017 में बाहर होने का एलान किया था। ट्रंप का कहना था कि ये समझौता अमेरिका के हित में नहीं है। अमेरिका इसके लिए हर वर्ष अरबों डॉलर की राशि देता है जबकि इससे उसको कुछ हासिल नहीं होता है। उन्‍होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई थी कि इस समझौते से भारत और चीन जैसे देशों को फायदा हो रहा है। इससे पूर्व 3 नवंबर 2016 को तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने पेरिस समझौते पर हस्‍ताक्षर किए थे। बहरहाल, राष्‍ट्रपति बाइडन ने आते ही अपने तेवर से साफ कर दिया है कि वो पूर्व राष्‍ट्रपति के कुछ और फैसलों को भी पलटने वाले हैं। हालांकि इस बात का एलान वो अपनी चुनावी सभाओं में भी कर चुके हैं। ऐसे में कुछ ऐसे समझौते या फैसले बेहद अहम हैं जिनपर बाइडन जल्‍द ही फैसला ले लेंगे।

ईरान परमाणु डील

ईरान परमाणु डील को पूर्व राष्‍ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी सबसे बड़ी उपलब्धियों में शामिल किया था। ये समझौता वर्ष 2015 में हुआ था। इसके तहत ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना था, जिसके एवज में उसको प्रतिबंधों से छूट मिलनी थी। इस समझौते पर अमेरिका और ईरान के अलावा फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, चीन और जर्मनी ने भी हस्‍ताक्षर किए थे। उनका कहना था कि इस समझौते के बाद मध्‍य-पूर्व में शांति कायम रहेगी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में इस समझौते पर ये कहते हुए सवाल उठाए थे कि इससे अमेरिका को कुछ हासिल नहीं हुआ है। इतना ही नहीं उन्‍होंने इसके लिए ओबामा प्रशासन के लिए काफी तीखे शब्‍दों का भी इस्‍तेमाल किया था।

2018 में उन्‍होंने बड़ा फैसला लेते हुए ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग करने का एलान किया था। उनका कहना था कि वो इस संबंध में ईरान से दूसरा समझौता करने के इच्‍छुक हैं। इसके बाद वर्ष 2019 में ईरान ने भी इस समझौते से खुद को अलग करते हुए अपने परमाणु कार्यक्रम को दोबारा गति देने का एलान कर दिया था। लिया था। दोनों ही देशों के परमाणु समझौते से अलग होने के बाद न सिर्फ मध्‍य-पूर्व में तनाव कायम रहा बल्कि अमेरिका और ईरान के संबंध भी काफी खराब होगए थे। चुनाव प्रचार के दौरान जो बाइडन ने साफ किया था कि वो ईरान से परमाणु समझौते के तहत दोबारा जुड़ेंगे। अब जबकि वो राष्‍ट्रपति बन चुके हैं तो देखना ये होगा कि कितने दिन में वो इसको लेकर बड़ा फैसला लेते हैं।

विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन

कोरोना महामारी के बाद चीन को लेकर उठे सवालों के बाद 2020 में तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन से सभी संबंध खत्‍म कर लिए थे। उनका कहना था कि विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन चीन के समर्थन में काम कर रहा है और उसकी गलतियों को छिपाने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने संबंधों को तोड़ते हुए डब्‍ल्‍यूएचओ को होने वाली फंडिंग पर भी रोक लगा दी थी। इसको लेकर पूरी विश्‍व बिरादरी ने खेद जताया था। डब्‍ल्‍यूएचओ के महानिदेशक ने भी इस फैसले को गलत बताया था और ट्रंप को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था। उनका कहना था कि बिना फंडिंग के ये वैश्विक संस्‍था अपने लक्ष्‍यों को पूरा करने और कोरोना महामारी से लड़ने में सफल नहीं हो सकेगी। बाइडन ने अपनी चुनावी सभाओं में कहा था कि वो राष्‍ट्रपति बनने के बाद दोबारा विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन से मिलकर काम करना शुरू करेंगे। पूरी दुनिया को अब उस वक्‍त का इंतजार है जब बाइडन इसका एलान करेंगे।

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