Farmer Protest : पांचवें दौर की वार्ता आज, किसानों ने किया आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान

Farmer Protest किसान संगठन के नेताओं ने कहा कि एमएसपी पर सरकार से बात चल रही है लेकिन हम तीनों कानून वापस करवा कर रहे हैं। यदि ऐसा नहीं हुआ तो हम आंदोलन और तेज करेंगे। आठ दिसंबर को भारत बंद रहेगा।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 04 Dec 2020 06:37 PM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 07:24 AM (IST)
Farmer Protest : पांचवें दौर की वार्ता आज, किसानों ने किया आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान
नए कृषि कानून को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं किसान संगठन

नई दिल्ली, जेएनएन। कृषि कानूनों को लेकर पिछले दो महीने से चल रहे आंदोलन का हल निकालने के लिए आज केंद्र सरकार और किसानों के बीच पांचवें दौर की वार्ता होगी। इस बीच, किसानों ने नए कृषि कानूनों को पूरी तरह रद करने के लिए दबाव बढ़ाते हुए आठ दिसंबर को भारत बंद का एलान किया है।

किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच अब तक चार दौर की बातचीत हो चुकी है। गुरुवार को विज्ञान भवन में हुई लंबी वार्ता में सकारात्मक संकेत मिलने के बाद शुक्रवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दबाव की रणनीति का दांव खेला है। सिंघु बॉर्डर पर आयोजित प्रेस वार्ता में किसान नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि वे तीनों कानून को रद करने पर आंदोलन को समाप्त करेंगे। उन्होंने देश के विभिन्न ट्रेड यूनियनों के भी समर्थन का दावा किया।

मोर्चा के सदस्य व किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा कि गुरुवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों में बिजली व पराली को लेकर किए गए प्रावधानों को वापस लेने व न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने पर करीब-करीब सहमति दी है। लेकिन, हमने कहा कि सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि कानूनों को वापस ले। इससे कम पर किसी भी सूरत में किसान मानने वाले नहीं हैं।

5, 7 व 8 दिसंबर की तय है रूपरेखा

किसान नेता युद्धवीर सिंह, मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव, बलदेव सिंह, बूटा सिंह फूल की मौजूदगी में लखोवाल ने कहा कि पांच दिसंबर को किसान देशभर में मोदी सरकार व कॉरपोरेट घरानों का पुलता फूंकेंगे। सात दिसंबर को जिन लोगों को केंद्र सरकार से पुरस्कार मिले हैं, वे उसे वापस कर आंदोलन का समर्थन करेंगे। इसके साथ ही आठ दिसंबर को पूरा भारत बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद टोल प्लाजा को भी एक दिन के लिए फ्री कराया जाएगा। हालांकि इसके लिए उन्होंने निर्धारित दिन नहीं बताया। बंगाल से आए पूर्व सांसद व ऑल इंडिया किसान सभा के नेता हनन्न मौला ने कहा कि शनिवार को केंद्र के साथ होने वाली बैठक में कृषि कानूनों में संशोधन पर बात नहीं बनेगी, क्योंकि पूरा कानून सिर से लेकर पैर तक सड़ा हुआ है। केंद्र सरकार को इसे वापस लेना ही होगा।

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