पेटेंट कानून में ढील के बगैर नहीं जीती जा सकती कोविड से लड़ाई: जयशंकर

जयशंकर ने कोविड से जंग में मांगा यूरोप से सहयोग। पेटेंट कानून में ढील दिए जाने का प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन में लंबित है। अगर इसमें ढील मिली तो वैक्सीन विकसित करने वाली विदेशी कंपनियां अपना फॉर्मूला भारतीय कंपनियों को दे सकेंगी जिससे वैक्सीन का उत्पादन बढ़ सकेगा।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:42 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 11:42 PM (IST)
पेटेंट कानून में ढील के बगैर नहीं जीती जा सकती कोविड से लड़ाई: जयशंकर
पेटेंट कानून में ढील के बगैर नहीं जीती जा सकती कोविड से लड़ाई: जयशंकर

नई दिल्ली, प्रेट्र। कोविड महामारी से दुनिया तब तक सक्षम तरीके से मुकाबला नहीं कर सकती जब तक वैक्सीन का उत्पादन बड़े पैमाने पर नहीं होगा। वैक्सीन का यह उत्पादन भारत के बगैर संभव नहीं है। इसलिए दुनिया से कोविड महामारी को भगाने के लिए यूरोपीय देश पेटेंट कानून में ढील दिए जाने के प्रस्ताव का समर्थन करें। इससे भारतीय कंपनियों को वैक्सीन के उत्पादन का अधिकार मिलेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बात अपने पुर्तगाली समकक्ष अगस्टो संटोस सिल्वा से वर्चुअल वार्ता में कही।

पेटेंट कानून में ढील दिए जाने का प्रस्ताव विश्व व्यापार संगठन में लंबित है। अगर इसमें ढील मिली तो वैक्सीन विकसित करने वाली विदेशी कंपनियां अपना फॉर्मूला भारतीय कंपनियों को दे सकेंगी जिससे वैक्सीन का उत्पादन बढ़ सकेगा। जयशंकर ने यूरोप से अपनी आपूर्ति व्यवस्था भी खोलने के लिए कहा जिससे वैक्सीन उत्पादन में काम आने वाला कच्चा माल भारत पहुंच सके। सिल्वा ने कहा, वैक्सीन उत्पादन के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका को छूट दिए जाने संबंधी प्रस्ताव के बारे में वह यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों से बात करेंगे और समर्थन के लिए आमराय बनाने की कोशिश करेंगे। वैसे यूरोप इस प्रस्ताव पर अमेरिका की राय का इंतजार कर रहा है। पुर्तगाल ही इस समय 27 देशों के यूरोपीय यूनियन का अध्यक्ष राष्ट्र है। बातचीत में सिल्वा ने वैक्सीन उत्पादन बढ़ाए जाने की आवश्यकता को स्वीकार किया।

चीन से रिश्ते के लिए तीन शर्ते

विदेश मंत्री सिल्वा ने चीन को लेकर भी महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने कहा चीन के साथ संबंधों में तीन मानदंड स्थापित किए जाने चाहिए। चीन शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों का सम्मान करे, हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को महत्व दे और दक्षिण चीन सागर पर अपना गलत दावा छोड़े। तब चीन के साथ संबंधों को आगे बढ़ाना चाहिए।

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