नक्सलियों से संबंध को लेकर केरल में गिरफ्तार छात्रों की जमानत हुई मंजूर
सुप्रीम कोर्ट ने नक्सलियों से संबंधों के कारण एनआइए द्वारा नवंबर 2019 में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए दो छात्रों की जमानत मंजूर कर ली। कोर्ट ने कहा कि एक आतंकी संगठन से सिर्फ संबंध रखना अधिनियम के कठोर प्रविधान का इस्तेमाल करने का पर्याप्त आधार नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने नक्सलियों से संबंधों के कारण राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) द्वारा नवंबर 2019 में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए दो छात्रों की जमानत गुरुवार को मंजूर कर ली। कोर्ट ने कहा कि एक आतंकी संगठन से सिर्फ संबंध रखना अधिनियम के कठोर प्रविधान का इस्तेमाल करने का पर्याप्त आधार नहीं है। जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एएस ओका की पीठ ने कहा कि युवा उम्र के कारण आरोपित भाकपा (माओवादी) संगठन की ओर आकर्षित हो गए होंगे।
पीठ ने एक नवंबर, 2019 को गिरफ्तार किए गए तवहा फैसल और अल्लन शोएब को राहत दे दी। पीठ ने कहा, 'सिर्फ एक आतंकी संगठन से जुड़ा होना धारा 38 (आतंकी संगठन की सदस्यता से संबंधित अपराध) और सिर्फ आतंकी संगठन को समर्थन देना धारा 39 (आतंकी संगठन को समर्थन देने का अपराध) को लागू करने का पर्याप्त आधार नहीं है। संबंध और समर्थन का उद्देश्य आतंकी संगठन की गतिविधि को बढ़ाने वाला होना चाहिए।'
फैसल और शोएब क्रमश: पत्रकारिता और कानून के छात्र हैं। वे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की शाखा समिति के सदस्य थे। उन्हें दो नवम्बर, 2019 को कोझिकोड से गिरफ्तार किया गया था। नक्सलियों से संबंधों के कारण माकपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।