आयुष्मान योजना को बड़ा झटका, छत्तीसगढ़ में अस्पतालों का इलाज से इन्कार
मोदी सरकार की इस योजना पर उस दिन से विवाद खड़ा हो गया था, जब 10 बेड के अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया गया था।
नईदुनिया, रायपुर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'आयुष्मान भारत' को छत्तीसगढ़ के डॉक्टर, अस्पताल संचालकों ने तगड़ा झटका दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए), हॉस्पिटल बोर्ड ने स्वास्थ्य विभाग को कड़ी चिट्ठी लिखी है। इसमें सीधे तौर पर काम नहीं करने का उल्लेख है। अस्पतालों ने इलाज से इन्कार कर दिया है।
मोदी सरकार की इस योजना पर उस दिन से विवाद खड़ा हो गया था, जब 10 बेड के अस्पतालों को योजना से बाहर कर दिया गया था। अस्पताल संचालकों का कहना है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना की एक दरों पर काम करने के लिए तैयार हैं, लेकिन आयुष्मान की नहीं।
अगर डॉक्टर अपने इस रुख पर कायम रहते हैं तो प्रदेश में मरीजों के लिए शनिवार से बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाएगी। गौरतलब है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 40 लाख परिवार पंजीकृत हैं। योजना के नोडल अधिकारी विजेंद्र कटरे ने कहा कि काम बंद करने के बारे में जानकारी नहीं है।
योजना में विवाद की बड़ी वजह
विवाद की सबसे बड़ी वजह है रायपुर के एक बड़े निजी अस्पताल से योजना की शुरुआत करना। इससे आइएमए और हॉस्पिटल बोर्ड नाराज हैं। दूसरा है-प्रत्येक अस्पताल में आयुष्मान मित्र की नियुक्ति की गई है, इनके द्वारा ही प्रक्रिया पूरी करने के बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी, ये गैर प्रशिक्षित हैं और इनका व्यवहार डॉक्टरों को रास नहीं आ रहा है।
दबाव बर्दाश्त नहीं
आइएमए शुरू से आयुष्मान योजना को लेकर अपनी बातें रखता आया है। जब पानी सिर से ऊपर हो गया तब हम इस निर्णय तक पहुंचे हैं। अस्पतालों पर किसी भी तरह का दबाव कतई बर्दाश्त नहीं होगा।
डॉ. अशोक त्रिपाठी, अध्यक्ष आइएमए, छत्तीसगढ़