भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आस्ट्रेलियाई सरकार ने दी मान्यता, अब कर सकेंगे यात्रा

आस्ट्रेलिया की सरकार ने भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) को मान्यता दे दी है। भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओफेरेल एओ ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मान्यता दे दी है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Mon, 01 Nov 2021 12:32 PM (IST) Updated:Mon, 01 Nov 2021 02:40 PM (IST)
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आस्ट्रेलियाई सरकार ने दी मान्यता, अब कर सकेंगे यात्रा
आस्ट्रेलिया की सरकार ने दी कोवैक्सीन को मान्यता।(फोटो: प्रतीकात्मक/एएफपी)

नई दिल्ली, एएनआइ। आस्ट्रेलिया की सरकार ने भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को मान्यता दे दी है। भारत में आस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ'फेरेल एओ ने इसकी जानकारी दी है। उनके मुताबिक, आस्ट्रेलियाई सरकार ने यात्रियों के टीकाकरण स्टेटस के उद्देश्य से भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मान्यता दे दी है। इसका मतलब हुआ कि अब कोई भी यात्री जिसने कोवैक्सीन की डोल ली तो वह बेहिचक आस्ट्रेलिया की यात्रा कर सकता है।

Australian Government recognises Bharat Biotech's Covaxin for the purpose of establishing a traveller's vaccination status: Australia’s High Commissioner to India, Barry O’Farrell AO pic.twitter.com/yMXenctRbg— ANI (@ANI) November 1, 2021

जी20 के मंच से पीएम मोदी ने की कौवैक्सीन की पैरवी

पीएम मोदी (PM Modi) ने रोम में जी 20 शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत अगले साल के अंत तक 5 अरब वैक्सीन खुराक का उत्पादन करने के लिए तैयार है। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रधानमंत्री का हवाला देते हुए कहा कि वैक्सीन की खुराक बड़े पैमाने पर दुनिया को उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही कहा कि हम ये भी मानते हैं कि कोवैक्सीन (Covaxin) के लिए WHO का आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण अन्य देशों की सहायता करने की इस प्रक्रिया को सम्मानित करेगा।

Covaxin को हैदराबाद की Bharat Biotech कंपनी ने विकसित किया है। 9 जुलाई को पहली बार वैक्सीन से संबंधित डाटा WHO भेजा गया था और वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी गई थी। इस प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा 6 से 9 हफ्तों का समय लगता है।

यानी अगर आज किसी कंपनी ने अपनी वैक्सीन का डेटा जमा कराया है तो WHO 6 से 9 हफ्तों में ये बता देता है कि उस वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलेगी या नहीं। इस हिसाब से Covaxin को अगस्त या सितंबर महीने तक इस्तेमाल की इजाजत मिल जानी चाहिए थी, लेकिन आज 111 दिन बीत जाने के बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है।

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