असम-मिजोरम विवाद: मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा के राजनीतिक सचिव का दावा-अतिक्रमण ड्रग्स तस्करी रोकने के कारण हुई हिंसा
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ल बरुआ का दावा है कि असम सरकार द्वारा सीमा पर अतिक्रमण रोकने और मादक पदार्थो व पशुओं की तस्करी के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने के कारण मिजोरम सीमा पर संघर्ष हुआ।
गुवाहाटी, एएनआइ। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के राजनीतिक सचिव जयंत मल्ल बरुआ का दावा है कि असम सरकार द्वारा सीमा पर अतिक्रमण रोकने और मादक पदार्थो व पशुओं की तस्करी के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू करने के कारण मिजोरम सीमा पर संघर्ष हुआ।
उन्होंने कहा कि मिजोरम को दोनों राज्यों के बीच संवैधानिक सीमा का पालन करना चाहिए। बरुआ ने कहा कि मिजोरम में चंफाई क्षेत्र में ड्रग माफियाओं और पशु तस्करों का मुख्य केंद्र है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण 2000 से हो रहा है लेकिन किसी ने जवाबी कार्रवाई नहीं की।
यह पहली बार है जब असम सरकार ने मजबूत कदम उठाया है। सीएम सरमा ने असम-मिजोरम सीमा के जरिये ड्रग्स और मवेशियों की तस्करी के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। बरुआ ने कहा कि म्यांमार, मिजोरम से असम से हरियाणा और पंजाब तक तस्करी का एक अवैध रास्ता है। मादक पदार्थो की तस्करी और इस मुद्दे (सीमा पर संघर्ष) के बीच एक बड़ा संबंध है।
असम-मिजोरम की सीमा पर शनिवार को भी तनावपूर्ण शांति रही। सोमवार को संघर्ष की घटना के बाद से सीमा पर केंद्रीय बल मुस्तैद है। दोनों राज्यों की पुलिस सीमा से 100 मीटर अंदर तैनात है। असम की ओर से एक भी ट्रक मिजोरम की ओर नहीं गया। जबकि मिजोरम की ओर से कुछ ट्रक असम की ओर से आए। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने मिजोरम प्रशासन छह अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए जाने पर सवाल उठाया है।
दोनों राज्यों के खूनी संघर्ष में गई कई जवानों की जान
बता दें कि दोनों राज्यों के सीमा विवाद को लेकर सोमवार को हुए खूनी संघर्ष में असम पुलिस के छह जवानों समेत सात लोगों की जान जली गई थी। वहीं एक आइपीएस अफसर समेत करीब 50 लोग घायल भी हुए थे। इस बीच असम ने अपने पड़ोसी राज्यों नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ तनाव घटाने और अंतरराज्यीय सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।