असम-मिजोरम सीमा शांत, हिमंता बिस्व सरमा ने एफआइआर पर उठाया सवाल

मिजोरम पुलिस ने मिजोरम और असम पुलिस के बीच मुठभेड़ के बाद सोमवार देर रात वैरेनगटे पुलिस थाने में सरमा और छह अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश से जुड़े विभिन्न आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 08:43 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 12:12 AM (IST)
असम-मिजोरम सीमा शांत, हिमंता बिस्व सरमा ने एफआइआर पर उठाया सवाल
असम ने नागालैंड, अरुणाचल के साथ शुरू की शांति वार्ता

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम-मिजोरम की सीमा पर शनिवार को भी तनावपूर्ण शांति रही। सोमवार को संघर्ष की घटना के बाद से सीमा पर केंद्रीय बल मुस्तैद है। दोनों राज्यों की पुलिस सीमा से 100 मीटर अंदर तैनात है। असम की ओर से एक भी ट्रक मिजोरम की ओर नहीं गया। जबकि मिजोरम की ओर से कुछ ट्रक असम की ओर से आए। इस बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने मिजोरम प्रशासन द्वारा अपने और अपने छह अधिकारियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराए जाने पर सवाल उठाया है।

उल्लेखनीय है दोनों राज्यों के सीमा विवाद को लेकर सोमवार को हुए खूनी संघर्ष में असम पुलिस के छह जवानों समेत सात लोगों की जान जली गई थी। वहीं एक आइपीएस अफसर समेत करीब 50 लोग घायल भी हुए थे।

इस बीच असम ने अपने पड़ोसी राज्यों नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश के साथ तनाव घटाने और अंतरराज्यीय सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।

मिजोरम पुलिस ने मिजोरम और असम पुलिस के बीच मुठभेड़ के बाद सोमवार देर रात वैरेनगटे पुलिस थाने में सरमा और छह अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश से जुड़े विभिन्न आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। इस एफआइआर के बारे में शुक्रवार को सार्वजनिक हो सकी।

इस एफआइआर के औचित्य पर सवाल उठाते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि इस घटना का स्थान उनके राज्य के संवैधानिक क्षेत्र के भीतर है। सरमा ने कहा कि उन्हें जांच में शामिल होने में बहुत खुशी होगी, लेकिन आश्चर्य है कि इसे तटस्थ एजेंसी को क्यों नहीं सौंपा जा रहा है।

असम से मिजोरम नहीं आ रहे वाहन

वैरेंगटे पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी लालचाविमावा ने शनिवार को कहा कि सशस्त्र संघर्ष के दिन सोमवार से असम से आवश्यक वस्तुओं या यात्रियों को ले जाने वाला कोई वाहन मिजोरम नहीं आया है। हालांकि उन्होंने अपनी ओर से कुछ ट्रकों के असम की बराक घाटी की ओर जाने की पुष्टि की है।

राज्य के उत्तरी किनारे पर स्थित, वैरेंगटे निकटतम सीमावर्ती शहर और मिजोरम का प्रवेश द्वार है। बीते सोमवार को यहीं पर हिंसक झड़प हुई थी।

मिजोरम के गृह सचिव लालबियाकसांगी ने पूर्वोत्तर के प्रभारी केंद्रीय अतिरिक्त गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा था कि असम के कछार जिले के लैलापुर-धोलाई इलाके में आवश्यक वस्तुओं और कोरोना संबंधी खेप ले जाने वाले वाहन नेशनल हाईवे-306 पर फंसे हुए हैं।

असम के सभी दलों के विधायक सरमा के साथ

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए तनाव के बीच बराक घाटी के सभी विधायकों ने राज्य के सीएम हिमंता विस्व सरमा को अपना समर्थन दिया है। सिलचर के सर्किट हाउस में बराक घाटी के विधायकों की संयुक्त सर्वदलीय बैठक में मौजूद तीन जिलों के 15 में से 11 विधायकों ने कहा किमुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और सरकार की पहल का तहे दिल से समर्थन किया जाएगा।

बैठक के दौरान, यह निर्णय लिया गया कि मिजोरम से राज्यसभा सांसद के.वेंलेल्वना द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में राज्यसभा के सभापति को अवगत कराया जाए। इस घटना में मिजोरम के कोलासिब जिले के पुलिस अधीक्षक को भूमिका संदिग्ध बताते हुए जांच की मांग की गई।

असम पुलिस ने मिजोरम से राज्यसभा सदस्य के.वेंलेल्वना को तलब किया है। उन्हें असम-मिजोरम सीमा संघर्ष के सिलसिले में पहली अगस्त को सुबह 11 बजे पुलिस थाने में पेश होने को कहा। सीआईडी के अधिकारियों समेत असम पुलिस की टीम ने शुक्रवार को दिल्ली में सांसद के आवास पर नोटिस चस्पा किया था।

असम के भाजपा सांसद लोस में उठा सकते मुद्दा

एएनआइ के मुताबिक, असम के भाजपा सांसद आगामी सोमवार को असम-मिजोरम सीमा का मुद्दा लोकसभा में उठा सकते हैं। सूत्रों के अनुसार भाजपा सांसद इस मुद्दे को नियम 377 के तहत उठा सकते हैं।

पार्टी के ज्यादातर वरिष्ठ नेता इस संवेदनशील मुद्दे पर टिप्पणी करने से बचते रहे। भाजपा नेताओं ने कहा कि निहित स्वार्थो को असम और मिजोरम में तनाव से फायदा होगा, दोनों सीमावर्ती राज्य हैं। लेकिन हम ऐसा नहीं होने दे सकते। दो राज्यों के बीच इस मामले को सुलझाने के लिए एक आयोग बनने दें। उन्होंने कहा कि असम तनाव को कम करने में संयम बरत रहा है।

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