असम ने अपने नागरिकों को दी मिजोरम न जाने की सलाह, दोनों राज्यों में बढ़ी तल्खी

असम-मिजोरम सीमा पर इस सप्ताह की शुरुआत में हिंसा और सात लोगों की मौत के बाद गुरुवार को स्थिति शांत और नियंत्रण में तो रही लेकिन दोनों राज्यों के लोगों की तीखी बयानबाजियों के कारण तल्खी बरकरार रही।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 01:32 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 01:32 AM (IST)
असम ने अपने नागरिकों को दी मिजोरम न जाने की सलाह, दोनों राज्यों में बढ़ी तल्खी
असम ने अपने नागरिकों को दी मिजोरम न जाने की सलाह, दोनों राज्यों में बढ़ी तल्खी

गुवाहाटी, प्रेट्र। असम-मिजोरम सीमा पर इस सप्ताह की शुरुआत में हिंसा और सात लोगों की मौत के बाद गुरुवार को स्थिति शांत और नियंत्रण में तो रही लेकिन दोनों राज्यों के लोगों की तीखी बयानबाजियों के कारण तल्खी बरकरार रही। लैलापुर में अंतरराज्यीय सीमा पर केंद्रीय बलों को तैनात कर दिया गया है। वहीं राज्यों के पुलिस के जवान अपनी-अपनी सीमाओं के 100 मीटर अंदर रहे। असम ने अपने नागरिकों से जहां मिजोरम न जाने की सलाह दी है वहीं मिजोरम ने केंद्र से असम द्वारा लगाई गई आर्थिक नाकेबंदी हटाने की मांग करते हुए कहा कि वह सीमा विवाद को लेकर मुकदमा लड़ने को तैयार है।

गुरुवार को असम के गृह सचिव एमएस मनिवनन्न ने एक एडवाइजरी जारी कर अपने प्रदेश के लोगों से फिलहाल मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी है। एडवाइजरी में हाल की ¨हसक घटनाओं का हवाला देते हुए कहा गया कि नौकरी, कामकाज या किसी अन्य सिलसिले में लोग फिलहाल मिजोरम जाने से परहेज करें। वहां की यात्रा सुरक्षा की दृष्टि से सही नहीं है। संभवत: देश में यह पहला मौका है जब किसी राज्य ने अपने नागरिकों को किसी अन्य राज्य में जाने से रोकने के लिए इस तरह की एडवाइजरी जारी की।

इस बीच, कछार के जिला अधिकारी ने कहा कि लोगों को सीमा की ओर जाने की अनुमति नहीं है, इस पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है क्योंकि यह वर्तमान में संघर्ष क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि हिंसा भड़कने के बाद से कुछ स्थानों पर कुछ संगठनों द्वारा लगाई गई आíथक नाकेबंदी का प्रभाव आंशिक रहा है। बराक घाटी के तीन जिलों में रहने वाले छात्रों और मिजो लोगों के लिए भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

उधर, दोनों राज्यों की सीमा पर तैनात की गई सीआरपीएफ के डीआइजी शहनवाज खान ने हालात फिलहाल शांतिपूर्ण बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस विवाद को हल करने की कोशिश कर रही। असम जातीय परिषद पार्टी के प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष लुरिनज्योति गोगोई के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सिलचर का दौरा करेगा और घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात करेगा।

इस बीच कछार के प्रभारी मंत्री अशोक सिंघल और पर्यावरण एवं वन मंत्री परिमल शुक्ला 'वैद्य' ने बुधवार रात सिलचर मेडिकल कालेज और अस्पताल का दौरा किया और घायलों का हालचाल लिया। उन्होंने 35 घायल पुलिस वालों और दो नागरिकों को एक-एक लाख रुपये का चेक सौंपा। उल्लेखनीय है सोमवार को सीमा पार से मिजोरम पुलिस कíमयों और नागरिकों द्वारा कथित रूप से किए गए हमले में पांच पुलिसकर्मी और एक नागरिक की मौत हो गई और 50 अन्य घायल हो गए, जबकि एक अन्य पुलिसकर्मी ने मंगलवार को दम तोड़ दिया।

असम के कछार और हैलाकांडी जिलों में मिजोरम के साथ सीमा पर तनाव अक्टूबर 2020 से घरों को जलाने और भूमि पर अतिक्रमण की लगातार घटनाओं के साथ बढ़ रहा है। दोनों राज्य, असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों और मिजोरम के कोलासिब, ममित और आइजोल के बीच 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। 

मिजोरम पुलिस ने असम सीमा स्थित चौकी खाली नहीं की

असम के मंत्री अशोक सिंहल का आरोप है कि मिजोरम सरकार ने सीमा पर विवादित क्षेत्र में स्थित चौकी से अपना पुलिस बल अब तक नहीं हटाया है। असम के आवास एवं शहरी मामलों और सिंचाई मंत्री सिंघल ने कहा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विवादित क्षेत्र में केंद्रीय बल सीआरपीएफ तैनात करने का आदेश दिया है। हमने फौरन सीआरपीएफ को अपनी चौकी सौंप दी। लेकिन मिजोरम ने अब तक वहां से अपनी पुलिस नहीं हटाई है। यह बहुत ही दुखद है।

सिंहल ने कहा कि लेकिन अभी जो हालात हैं उसने लगता है कि मिजो नागरिक इस मुद्दे का समाधान हथियारों और गोला बारूद से करना चाहते हैं। जबकि हमारे मुख्यमंत्री हिमंता विस्व सरमा का मानना है कि बातचीत से ही इस विवाद का समाधान हो सकता है।

मिजोरम ने आर्थिक नाकेबंदी हटाने को केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की

मिजोरम सरकार ने असम के साथ सीमा विवाद मामले में केंद्र से हस्तक्षेप का अनुरोध किया है। मिजोरम के गृह सचिव का कहना है कि उपद्रवियों ने रेल पटरियां उखाड़ दी हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 306 को अवरुद्ध कर दिया है। इससे राज्य में यातायात बाधित हो गया है। गृह सचिव ने केंद्र से अनुरोध किया कि मिजोरम में माल और यात्रियों की आवाजाही फिर से शुरू करने के लिए नाकाबंदी को तत्काल हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए।मिजोरम के उप मुख्यमंत्री तवनलुइया ने कहा कि असम के साथ सीमा विवाद को लेकर वे किसी भी तरह के मुकदमे का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री द्वारा जमीन कब्जा करने के लगाए आरोपों को पूरी तरह गलत बताया है। 

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