तीन दिन बहस के बाद आर्यन खान को मिली जमानत, जानें उनके वकील मुकुल रोहतगी के बारे में

क्रूज ड्रग्‍स मामले में किंग खान शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान 26 दिनों के बाद जमानत मिल गई है। स्पेशल कोर्ट लोअर कोर्ट और सेशन कोर्ट से आर्यन खान को जमानत नहीं मिलने बाद पिछले तीन दिनों तक बाम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 28 Oct 2021 05:09 PM (IST) Updated:Thu, 28 Oct 2021 08:32 PM (IST)
तीन दिन बहस के बाद आर्यन खान को मिली जमानत, जानें उनके वकील मुकुल रोहतगी के बारे में
आर्यन खान 26 दिनों के बाद जमानत मिल गई है।

 नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। क्रूज ड्रग्‍स मामले में किंग खान शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान 26 दिनों के बाद जमानत मिल गई है। स्पेशल कोर्ट, लोअर कोर्ट और सेशन कोर्ट से आर्यन खान को जमानत नहीं मिलने बाद पिछले तीन दिनों तक बाम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। बाम्बे हाईकोर्ट ने क्रूज शिप ड्रग रेड मामले में मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्चेंट को भी जमानत दी। सबसे खास नाम मुकुल रोहतगी का है, जो देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। आर्यन के बचाव में दलील रखने के लिए रोहतगी विशेष तौर पर दिल्ली से मुंबई गए थे। मुकुल रोहतगी की बाम्बे हाईकोर्ट में जोरदार पैरवी से आर्यन खान को जमानत मिली।

जमानत मिलने कं बाद मुकुल रोहतगी ने कहा कि बाम्बे हाई कोर्ट ने 3 दिन तक दलीलें सुनने के बाद आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा को जमानत दे दी है। विस्तृत आदेश कल दिया जाएगा। उम्मीद है कल या शनिवार तक वे सभी जेल से बाहर आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि अदालत से आदेश जारी होने के बाद वे (आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुम धमेचा) जेल से आएंगे। मेरे लिए, यह एक नियमित मामला है। कुछ को जीतने के लिए, कुछ को खोने के लिए। मुझे खुशी है कि उन्हें (खान को) जमानत मिल गई है। 

आर्यन खान ड्रग मामले में उनका प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सतीश मानेशिंदे की कानूनी टीम ने कहा कि आर्यन खान को अंततः बाम्बे हाई कोर्ट द्वारा जमानत पर रिहा कर दिया गया है। 2 अक्टूबर को हिरासत में लिए जाने के पहले क्षण से ही कोई कब्जा नहीं, कोई सबूत नहीं, कोई खपत नहीं, कोई साजिश नहीं! सत्य मेव जयते।

Aryan Khan has ultimately been released on bail by Bombay HC. No possession, no evidence, no consumption, no conspiracy, right from first moment when he was detained on Oct 2! Satya Meva Jayate: Legal team of lawyer Satish Maneshinde who represented Khan in drugs-on-cruise case pic.twitter.com/nQ1YeaSVq0

— ANI (@ANI) October 28, 2021

सतही सबूतों के आधार पर हुई गिरफ्तारी

अदालत ने आर्यन, अरबाज एवं मुनमुन को सशर्त जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने सात शर्तें लगाई हैं। इन शर्तों के अनुसार उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा। बिना अनुमति के विदेश नहीं जाएंगे। सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेंगे तथा मीडिया से बात नहीं करेंगे। बता दें कि आर्यन के वकील मुकुल रोहतगी ने उनकी जमानत के पक्ष में तर्क देते हुए इस बात पर जोर दिया था कि आर्यन के पास से न तो ड्रग बरामद हुआ, न ही उनका मेडिकल टेस्ट करवाया गया। उन्हें बहुत ही सतही सबूतों के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। रोहतगी ने उनके खिलाफ प्रस्तुत किए जा रहे वाट्सएप्प चैट को अप्रासंगिक बताते हुए कहा था कि इन्हें सबूत नहीं माना जा सकता। रोहतगी ने आर्यन की गिरफ्तारी एवं उन्हें इतने दिनों तक जेल में रखे जाने पर भी सवाल खड़े किए थे।

जेल की जगह सुधार गृह भेजा जाए

उन्होंने इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन करार दिया था। रोहतगी ने कहा था कि ये युवा लड़के हैं। उन्हे जेल भेजने एवं इन पर मुकदमा चलाने के बजाय इन्हें सुधार गृह भेजा जाना चाहिए। इससे पहले विशेष एनडीपीएस कोर्ट ने यह कहते हुए आर्यन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी कि क्रूज पर उनके दोस्त अरबाज के जूते से ड्रग मिला था। इस पर रोहतगी ने हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि अरबाज के पास से क्या पाया जाता है, वह हमारे वश में नहीं है। अरबाज हमारा नौकर नहीं है।

अरबाज मर्चेंट के पिता असलम मर्चेंट ने कहा कि न्याय जल्द से जल्द दिया जाना चाहिए। अगर आपको ऐसे मामलों में इन लोगों को ठीक करना है, तो यह जेल में नहीं बल्कि पुनर्वसन केंद्र में होना चाहिए। मेरे बेटे का वजन 7 किलो कम हो गया है, जबकि आर्यन (खान) बिस्कुट पर जीवित था।

दिलचस्‍प बात यह है कि दो दिग्‍गज वकील सतीश मानश‍िंदे और अमित देसाई स्पेशल कोर्ट, लोअर कोर्ट और सेशन को आर्यन खान और उनके साथियों को जमानत नहीं दिलवा पाए थे। ऐसे में अब हाई कोर्ट में पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी की पैरवी से आर्यन खान के मामले को बल मिला और उन्हें मिल गई । जस्‍ट‍िस नितिन साम्‍ब्रे की कोर्ट में मुकुल रोहतगी के साथ वकील सतीश मानश‍िंदे और अमित देसाई भी मौजूद रहे।

Bombay HC has granted bail to Aryan Khan, Arbaz Merchant, Munmun Dhamecha after hearing the arguments for 3 days. The detailed order will be given tomorrow. Hopefully, all they will come out of the jail by tomorrow or Saturday: Former AG Mukul Rohatgi, who represented Aryan Khan pic.twitter.com/jQGKYIBxrn— ANI (@ANI) October 28, 2021

मुकुल ने किया था एनसीबी पर प्रहार

पिछले दिनों वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने आर्यन खान को समर्थन किया था। सेशंस कोर्ट से जमानत खारिज होने से पहले मुकुल रोहतगी ने कहा था कि आर्यन को कैद में रखने का कोई उचित कारण नहीं है। उन्होंने एनसीबी पर प्रहार करते हुए कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) एक 'शुतुरमुर्ग' की तरह है, जिसने अपना सिर रेत में छुपाया हुआ है। आर्यन को एक सेलिब्रिटी के बेटे होने की कीमत चुकानी पड़ रही है।

जूनियर वकील बन कर शुरू किया करियर

देश के जाने- माने वकीलों में शुमार मुकुल रोहतगी ने कानून की पढ़ाई मुंबई के गवर्नमेंट ला कालेज से की थी। वहां से निकलने के बाद मुकुल रोहतगी ने मशहूर वकील योगेश कुमार सभरवाल का जूनियर बनकर प्रैक्‍ट‍िस शुरू की। योगेश कुमार सभरवाल 2005-2007 तक देश के 36वें मुख्य न्यायाधीश भी रहे थे। उसके बाद 1993 में दिल्‍ली हाईकोर्ट ने उन्हें सीनियर काउंसिल का दर्जा दिया और उसके बाद 1999 में रोहतगी एडिशनल सालिसिटर जनरल बन गए।

गुजरात दंगों में किया राज्य सरकार का बचाव

मुकुल रोहतगी ने 2002 में हुए गुजरात दंगों में गुजरात सरकार का सुप्रीम कोर्ट में बचाव किया था। इसके अलावा फर्जी एनकाउंटर मामले में भी उन्‍होंने गुतरात सरकार की अदालत में पैरवी की थी। इसके अलावा वह बेस्‍ट बेकरी केस, योगेश गौड़ा हत्या मामला, जाहिरा शेख मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लड़ चुके हैं।

मुकुल रोहतगी रह चुके हैं देश के अटार्नी जनरल

मुकुल रोहतगी के पिता अवध बिहारी रोहतगी दिल्‍ली हाईकोर्ट के जज रह चुके थे। उनको 19 जून 2014 को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश का अटार्नी जनरल बनाया गया था। मुकुल 18 जून 2017 तक देश के 14वें अटार्नी जनरल के पद पर रहे। मुकुल रोहतगी देश के जाने माने वकील और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्‍ठ हैं।

एक सुनवाई की फीस

रिपोर्ट्स के अनुसार, मुकुल रोहतगी अपनी एक सुनवाई के लिए करीब 10 लाख रुपए की फीस लेते हैं। हालांकि एक RTI में दिए जवाब में महाराष्‍ट्र सरकार ने बताया था कि उन्होंने सीनियर काउंसिल मुकुल रोहतगी को महाराष्ट्र सरकार की तरफ से जज बीएच लोया केस के लिए फीस के रूप में 1.21 करोड़ रुपए दिए थे।

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