डोकलाम प्रकरण व गलवन में संघर्ष में सेना की भूमिका ने भारत का कद बढ़ाया : जनरल सीपी मोहंती
डोकलाम प्रकरण और गलवन घाटी में संघर्ष के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई भूमिका ने न केवल भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया बल्कि विश्व स्तर पर कद भी बढ़ाया। उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने रविवार को यह बात कही।
नई दिल्ली, पीटीआइ। डोकलाम प्रकरण और गलवन घाटी में संघर्ष के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई भूमिका ने न केवल भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाया बल्कि विश्व स्तर पर कद भी बढ़ाया। उप सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती ने रविवार को यह बात कही। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने 1965 , 1971 और कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के प्रमुख योगदान पर प्रकाश डाला।
लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने हाल की घटनाओं का हवाला देते हुए विवेकानंद इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल स्टडीज (VIPS) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, 'डोकलाम और गलवन में जो कुछ हुआ है उसने न केवल देश की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है, बल्कि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारा कद भी बढ़ा है। आज हर कोई भारत को सुरक्षा प्रदाता बताता है। बहुत जल्द हम भी महाशक्तियों में गिने जाने लगेंगे।'
भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम ट्राई-जंक्शन में 73-दिनों तक गतिरोध चला था। इससे दो परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों के बीच युद्ध की आशंका भी पैदा हो गई थी। भारतीय सशस्त्र बलों ने चीन द्वारा डोकलाम में ट्राइजंक्शन के पास सड़क निर्माण का कड़ा विरोध किया। कई दौर की बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाया गया। भारत और चीनी सेना के बीच पिछले साल 15 जून को पूर्वी लद्दाख के गलवन घाटी में झड़प हो गई थी। यह दशकों बाद दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष देखने को मिला था। इस दौरान भारतीय सेना 20 जवानों ने शहादत दे दी थी।
फरवरी में, चीन ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि भारतीय सेना के साथ संघर्ष में पांच चीनी सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे। हालांकि, माना जाता है कि चीनी सैनिकों के मरने की संख्या अधिक थी। अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती ने कहा कि भारत ने अपने सुरक्षा बलों में निवेश किया है और वे देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, क्योंकि सुरक्षा समृद्धि का एक प्रमुख पहलू है।
जनरल मोहंती ने जोर देकर कहा कि सशस्त्र बलों में मिवेश राष्ट्र निर्माण प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने फरवरी 2019 में बालाकोट हमलों के एक दिन बाद पाकिस्तानी हमले को विफल करने के लिए भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान की भी सराहना की। उप थल सेना प्रमुख ने उन रिपोर्टों का भी उल्लेख किया कि कैसे पाकिस्तान को वर्तमान को रिहा करने के लिए मजबूर होना। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश जानता था कि अगर अभिनंदन को रिहा नहीं किया गया तो भारत निश्चित रूप से उस पर हमला करेगा।