2nd wave of Corona: कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं लापरवाही की दलीलें, चुनाव और कुंभ से नहीं फैली महामारी
केंद्र सरकार दूसरी लहर को लेकर न सिर्फ पूरी तरह सजग थी बल्कि वह राज्यों को लगातार आगाह भी कर रही थी। जबकि लोग कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के लिए केंद्र सरकार की अनदेखी और धार्मिक आयोजनों खासकर कुंभ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के लिए जो लोग केंद्र सरकार की अनदेखी और धार्मिक आयोजनों खासकर कुंभ को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं, उनकी दलीलें तर्क की कसौटी पर खरी नहीं उतरतीं। आंकड़े बताते हैं कि केंद्र सरकार दूसरी लहर को लेकर न सिर्फ पूरी तरह सजग थी बल्कि वह राज्यों को लगातार आगाह भी कर रही थी।
केंद्र सरकार ने राज्यों को संभावित खतरे के प्रति बार-बार किया था आगाह
केंद्र सरकार के अधिकारी बताते हैं कि दिसंबर-जनवरी में जब देश कोरोना संक्रमण के प्रति निश्चिंत होने लगा था तो केंद्र सरकार लगातार राज्यों को चेता रही थी। यही नहीं, राज्यों को यहां तक बताया जा रहा था कि उनके किन-किन जिलों में टेस्टिंग कम हो रही है और उसे बढ़ाया जाना चाहिए। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकों में कोरोना की दूसरी लहर के प्रति चेताया था और समय से उचित कदम उठाने की ताकीद की थी। उनसे कहा गया था कि वे तत्काल कोरोना की रोकथाम करने के पहले से आजमाए हुए तरीकों की ओर लौटें और समय से दूसरी लहर की रोकथाम करें।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और कुंभ से नहीं फैली महामारी
कोरोना की दूसरी लहर के लिए हाल में संपन्न हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को भी वजह बताया जा रहा है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि जिन राज्यों में दूसरी लहर में संक्रमण के सर्वाधिक मामले सामने आए हैं वहां तो चुनाव हुए ही नहीं हैं। जहां तक केरल की बात है तो वहां जनवरी से ही संक्रमण बढ़ रहा था और केंद्र सरकार ने इसे लेकर राज्य को चेताया था और केंद्रीय टीम भेजने का फैसला भी किया था। इसी तरह कुंभ के आयोजन से दूसरी लहर फैलने को एक खास वर्ग और अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने हवा दी।