चीन के साथ तनाव से निपटने में कोरोना रोधी उपायों से भारतीय सेना को फायदा हुआ: सेना प्रमुख

पिछले साल की शुरुआत में कोरोना से अपने सैनिकों की रक्षा के लिए भारतीय सेना द्वारा किए गए उपायों से पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण से निपटने में इसका फायदा हुआ। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को यह बात कही।

By TaniskEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 09:01 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 09:01 PM (IST)
चीन के साथ तनाव से निपटने में कोरोना रोधी उपायों से भारतीय सेना को फायदा हुआ: सेना प्रमुख
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे। (फोटो- एएनआइ)

नई दिल्ली, एएनआइ। पिछले साल की शुरुआत में कोरोना से अपने सैनिकों की रक्षा के लिए भारतीय सेना द्वारा किए गए उपायों से पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण से निपटने में इसका फायदा हुआ। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बुधवार को यह बात कही। देश में पिछले साल मार्च में कोरोना संक्रमण के कारण लाकडाउन लागू होने के बाद, भारतीय सेना ने अपने सैनिकों के बीच कोविड को फैलने से रोकने के लिए कड़े कदम उठाए और उन पर प्रतिबंध लगाया और बाहरी दुनिया के साथ उनके संपर्क को कम कर दिया। इसके तुरंत बाद पूर्वी लद्दाख में उत्तरी सीमाओं पर चीनी आक्रमण शुरू हो गया था।

जनरल नरवणे ने 21 वीं सदी के वीनिंग द 21 स्ट सेंचुरी वार: ट्रांसफार्मिंग इंडियन आर्मी नाम के एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, ' कोविड के रोकथाम को लेकर उपायों के कारण भारतीय सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी। जब पूर्वी लद्दाख में हमारी सीमाओं पर संकट विकसित हुआ तो बल संरक्षण के हमारे निर्णय से हमें फायदा हुआ, क्योंकि हम परिचालन की तैयारियों को लेकर बेहतर स्थिति में थे।'

सेना प्रमुख ने कहा कि जैसे ही उत्तरी सीमाओं पर स्थिति खराब हुई जवान मौके पर पहुंच गए। उन्हें अपने लीडर्स पर पूरा भरोसा था। वे अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए सभी चुनौतियों और कठिनाइयों को पार करते हुए काम करने के लिए तैयार थे। यह सब उपलब्ध संसाधनों के कारण हुआ। यह इसलिए संभव हमारे पास पहले से किसी भी परिस्थिति और संभावित विकल्पों को लेकर हमने तैयारी की थी।

जनरल नरवणे ने कहा कि बल संरक्षण का मतलब यह नहीं है कि हम केवल अपना ख्याल रख रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना को नागरिकों की सेना होने पर गर्व है, जो हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। अपनी ओर से हमने इस चुनौती को पूरा करने के लिए सरकार के प्रयासों में सक्रिय योगदान दिया है। हम रिकार्ड समय सीमा में देश के कोने-कोने में विभिन्न स्थानों पर क्वारंटाइन सेंटर और अस्पताल बनाने का काम किया। चिकित्सा बुनियादी ढांचे और आक्सीजन आपूर्ति को मजबूत करने को समग्र राष्ट्रीय प्रयास में एकीकृत किया गया था।

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