भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के नाम एक और मील का पत्थर, हंगरी से मिला GMP सर्टिफिकेट

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और भारत बायोटेक(Bharat Biotech) द्वारा विकसित भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(COVAXIN) ने हंगरी से GMP प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक द्वारा प्राप्त पहला EUDRAGDMP अनुपालन प्रमाणपत्र है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 09:51 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 09:58 AM (IST)
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के नाम एक और मील का पत्थर, हंगरी से मिला GMP सर्टिफिकेट
भारत की स्वदेशी कोरोना वैक्सीन के नाम एक और बड़ा नाम।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एएनआइ। भारत की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन(Covaxin) को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के नाम एक और मील का पत्थर हो गया है। इसकी जानकारी खुद भारत बायोटेक ने दी है। भारत बायोटेक के मुताबिक, COVAXIN के रूप में हमारे खाते में एक और मील का पत्थर हो गया है। हमने हंगरी से GMP प्रमाणपत्र प्राप्त किया है। यह यूरोपीय नियामकों से भारत बायोटेक द्वारा प्राप्त पहला EUDRAGDMP अनुपालन प्रमाणपत्र है।

Another milestone in our account as COVAXIN receives GMP certificate from Hungary. This marks the 1st EUDRAGDMP compliance certificate received by Bharat Biotech from European regulatories: Bharat Biotech pic.twitter.com/jsy5eeMDTL— ANI (@ANI) August 5, 2021

डेल्टा प्लस वैरिएंट के खिलाफ कारगर है कोवैक्सीन

भारत बायोटेक की कोरोना रोधी वैक्सीन कोवैक्सीन (बीबीवी152) डेल्टा प्लस वैरिएंट (एवाई.1) के खिलाफ प्रभावी पाई गई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) द्वारा बायोरक्सिव में प्रकाशित एक अध्ययन में बात कही गई है। अध्ययन में कहा गया है कि आइजीजी एंटीबाडी का मूल्यांकन किया गया है। इसमें पाया गया है कि कोवैक्सीन की पूर्ण डोज यानी दोनों डोज लेने लोगों में कोविड-19 की आशंका लगभग खत्म हो गई है। इसमें डेल्टा, डेल्टा प्लस और बी.1.617.3 के खिलाफ कोवैक्सीन का मूल्यांकन किया गया।सार्स-सीओवी-2 का वैरिएंट बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है। कोवैक्सीन डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी है।

इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया। अध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 यानी डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आए।भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को कोवैक्सीन के तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षणों को पूरी करते हुए कहा था कि यह वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 65.2 प्रतिशत प्रभावी रही थी।

भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को चरण तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी.।

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