एक और आफत: कोरोना से जंग अभी जीत भी नहीं पाए कि चीन का एक और कैट क्यू वायरस हमला करने को तैयार

चीन और वियतनाम में क्यूलेक्स मच्छरों और सुअरों में कैट क्यू वायरस (सीक्यूवी) पाया जाता है। भारत में भी क्यूलेक्स मच्छर की प्रजाति का विस्तार होने से इस मच्छर से सीक्यूवी के खतरे की आशंका पैदा हो गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:59 PM (IST) Updated:Wed, 30 Sep 2020 07:47 AM (IST)
एक और आफत: कोरोना से जंग अभी जीत भी नहीं पाए कि चीन का एक और कैट क्यू वायरस हमला करने को तैयार
आइआइवी को दो नमूनों की जांच के दौरान मिलीं सीक्यूवी की एंटीबाडी।

नई दिल्ली, आइएएनएस। चीन से आए कोरोना वायरस से भारत समेत पूरी दुनिया अभी पूरी तरह निपट भी नहीं पाई है कि देश में एक और चीनी वायरस कैट क्यू की मौजूदगी के संकेत मिलने से विज्ञानियों की चिंता बढ़ गई है। आइसीएमआर के अनुसार कैट क्यू वायरस (सीक्यूवी) से तेज बुखार, मेनिनजाइटिस, और पैड्रियाट्रिक इंसेफ्लाइटिस (दिमागी बुखार) की समस्या पैदा हो सकती है।

चीन में क्यूलेक्स मच्छरों और सुअरों में कैट क्यू वायरस पाया जाता है: आइसीएमआर

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआइवी), पुणे के सात विज्ञानियों ने बताया कि चीन और वियतनाम में क्यूलेक्स मच्छरों और सुअरों में कैट क्यू वायरस (सीक्यूवी) पाया जाता है। भारत में भी क्यूलेक्स मच्छर की प्रजाति का विस्तार होने से इस मच्छर से सीक्यूवी के खतरे की आशंका पैदा हो गई है।

चीन में क्यूलेक्स मच्छरों से एशियाई देश भी कैट क्यू वायरस की चपेट में आ सकते हैं

विज्ञानियों ने कहा कि चीन में क्यूलेक्स और वियतनाम के सुअरों में सीक्यूवी की मौजूदगी से इस बात की पूरी आशंका है कि अन्य एशियाई देशों में भी यह वायरस सक्रिय हो सकता है। विज्ञानियों ने बताया कि कई राज्यों के 883 नमूनों की जांच में दो नमूनों में इस वायरस की एंडीबाडी पाई गईं। इससे जाहिर है कि कम से कम दो लोग कभी न कभी इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जबकि जांच के दौरान किसी व्यक्ति के शरीर में यह वायरस नहीं पाया गया।

मच्छरों में सीक्यूवी के बढ़ने की रफ्तार से यह वायरस खतरा पैदा कर सकता है

विज्ञानियों के अनुसार दो नमूनों में इस वायरस की एंटीबाडी और मच्छरों में सीक्यूवी के बढ़ने की रफ्तार से यह वायरस खतरा पैदा कर सकता है। इंडियन जर्नल आफ मेडिकल रिसर्च के जून अंक में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार कैट क्यू वायरस के संभावित खतरे को समझने के लिए मनुष्य और सुअरों के और नमूनों को लेकर उन्हें परखने की जरूरत है।

सीक्यूवी मच्छरों के जरिये मानव शरीर में आसानी से पहुंच सकता है 

भारतीय संदर्भ में मच्छरों की कुछ खास प्रजातियां जैसे एई-एजिप्टी, सीएक्स-क्विनक्यूफैसिटस और सीएक्स-ट्राइटेनियोंहिंचस, सीक्यूवी को लेकर बहुत संवेदनशील हैं। एक विज्ञानी के अनुसार सीक्यूवी इन मच्छरों के जरिये मानव शरीर में आसानी से पहुंच सकता है।

चीन के सुअरों में कैट क्यू वायरस की एंटीबाडी पाई गई

आइसीएमआर के अनुसार घरेलू सुअर प्राथमिक स्तनपायी पशु है जिसमें यह वायरस पाया गया है। वहीं चीन के सुअरों में इस वायरस की एंटीबाडी पाई गई हैं। इससे साबित होता है कि कैट क्यू वायरस ने स्थानीय स्तर पर एक प्राकृतिक चक्र विकसित कर लिया है।

chat bot
आपका साथी