अंडमान-निकोबार स्वतंत्रता का तीर्थ स्थान, सभी युवा एक बार जरूर आएं: अमित शाह

गृहमंत्री शाह शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां से अंडमान-निकोबार के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डी. के. जोशी (रिटायर्ड) भी मौजूद रहे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 02:10 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 02:31 PM (IST)
अंडमान-निकोबार स्वतंत्रता का तीर्थ स्थान, सभी युवा एक बार जरूर आएं: अमित शाह
अंडमान-निकोबार: नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप से अमित शाह ने कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया

पोर्ट ब्लेयर, एजेंसी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर बीते दिन(शुक्रवार) अंडमान और निकोबार पहुंचे। गृहमंत्री शाह शनिवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने वहां से अंडमान-निकोबार के लिए विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ लेफ्टिनेंट गवर्नर एडमिरल डी. के. जोशी (रिटायर्ड) भी मौजूद रहे। वहीं, शाह ने अपने संबोधन में कहा कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्वतंत्रता का तीर्थ स्थान है। उन्होंने कहा, 'मैं सभी युवाओं से एक बार अंडमान और निकोबार की यात्रा करने का आग्रह करता हूं।'

शाह ने आगे कहा, 'इस साल हम आजादी का अमृत महोत्सव और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहे हैं। जब हम नेताजी के जीवन को देखते हैं तो हमें लगता है कि उनके साथ अन्याय हुआ है। वह जिस स्थान के हकदार थे, वह इतिहास में उन्हें नहीं दिया गया।' नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप से शाह ने कहा, 'सालों तक कई नेताओं की छवि खराब करने की कोशिश की गई। लेकिन अब उन्हें इतिहास में उचित स्थान देने का समय आ गया है। अपने प्राणों की आहुति देने वालों को इतिहास में जगह मिलनी चाहिए। इसलिए हमने इस द्वीप का नाम नेताजी के नाम पर रखा।'

इससे पहले दिन अमित शाह ने पोर्ट ब्लेयर सेल्युलर जेल का दौरा कर विनायक दामोदर सावरकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। वहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए अमित शाह ने कहा था कि देश भर के लोगों के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाई गई ये सेल्युलर जेल सबसे बड़ा तीर्थ स्थान है। इसीलिए सावरकर जी कहते थे कि ये तीर्थों में महातीर्थ है, जहां आजादी की ज्योति को प्रज्वलित करने के लिए अनेकों लोगों ने बलिदान दिए हैं।

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