केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ग्रामीण सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय सम्मेलन का किया उद्घाटन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को सहकारिता मंत्रालय और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स की ओर से आयोजित ग्रामीण सहकारी बैंकों के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में सहकारिता मंत्रालय के सचिव NAFSCOB के अध्यक्ष और NAFSCOB के प्रबंध निदेशक भी मौजूद रहे।
नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने शुक्रवार को सहकारिता मंत्रालय और नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट कोऑपरेटिव बैंक्स (NAFSCOB) द्वारा आयोजित ग्रामीण सहकारी बैंकों के एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि, पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसाइटी) के लिए 5 साल की रणनीति तैयार करने की जरूरत है। भारत सरकार ने पैक्स के कम्प्यूटरीकरण के लिए सहकारिता मंत्रालय की संस्था पर एक योजना शुरू की, जो मानव संसाधनों के उन्नयन में मदद करेगी।
दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्रामीण सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुए। pic.twitter.com/S4fj1t4RVG
उन्होंने कहा, कुछ राज्य ऐसे हैं जहां हर क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन फला-फूला, कुछ राज्य ऐसे हैं जहां सहकारिता आंदोलन संघर्ष कर रहे हैं और कुछ राज्य ऐसे हैं जहां सहकारिता आंदोलन केवल किताबों में रह गए हैं। अगर हम समग्र देश के अंदर सहकारिता आंदोलन का विकास करना चाहते हैं, देश की हर तहसील और पंचायत तक सहकारिता आंदोलन को फैलाना चाहते हैं तो हमें इसकी रणनीति अलग से सोचनी पड़ेगी। इसी प्रकार के सम्मेलनों में इस प्रकार की रणनीति पर विचार हो सकता है।
कुछ राज्य ऐसे हैं जहां हर क्षेत्र में सहकारिता आंदोलन फला-फूला, कुछ राज्य ऐसे हैं जहां सहकारिता आंदोलन संघर्ष कर रहे हैं और कुछ राज्य ऐसे हैं जहां सहकारिता आंदोलन केवल किताबों में रह गए हैं: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, दिल्ली pic.twitter.com/LohNLYH9fJ— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 12, 2022
इस कार्यक्रम में सहकारिता मंत्रालय के सचिव ज्ञानेश कुमार, NAFSCOB के अध्यक्ष कोंडुरु रविंदर राव और NAFSCOB के प्रबंध निदेशक भीमा सुब्रह्मण्यम भी मौजूद रहे।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत में अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना (short term co-operative credit structure) में 34 राज्य सहकारी बैंक, 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और 96,575 पैक्स शामिल हैं।
राज्य सहकारी बैंकों के राष्ट्रीय संघ की स्थापना 19 मई, 1964 को राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के संचालन को सुविधाजनक बनाने और अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना (short term co-operative credit structure) के विकास के व्यापक उद्देश्य के साथ की गई थी।
NAFSCOB (National Confrence of Rural Cooperative Banks) अपने सदस्यों और उनके सहयोगियों, शेयरधारकों और मालिकों को उनकी उपलब्धियों को प्रोजेक्ट करने, उनकी चिंताओं पर ध्यान केंद्रित करने और उनके हितों को बढ़ावा देने के लिए एक सामान्य मंच प्रदान करता है।
कार्यक्रम में अमित शाह ने चुनिंदा राज्य सहकारी बैंकों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) और पैक्स को प्रदर्शन पुरस्कार भी प्रदान किया और 100 साल की सेवा के लिए कुछ अल्पकालिक सहकारी ऋण संस्थानों को सम्मानित किया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों की बेहतरी के लिए काम कर रही है और जैसे-जैसे कृषि बुनियादी ढांचे में सरकार का निवेश बढ़ता है, वैसे-वैसे सहकारी समितियों की भूमिका और क्षमता भी बढ़ती है।