कोविड की चुनौतियों के बीच केरल के 3 स्कूली छात्रों ने खड़ी कर दी एलईडी बल्‍ब की यूनिट

रल के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले तीन छात्रों के सामने कोविड-19 ने ऐसी ही चुनौतियां पेश कीं लेकिन उन्होंने सूझबूझ और हिम्मत का परिचय देते हुए न सिर्फ खुद को संभाला बल्कि रोजगार खड़ाकर परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत भी किया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 07:19 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 07:31 PM (IST)
कोविड की चुनौतियों के बीच केरल के 3 स्कूली छात्रों ने खड़ी कर दी एलईडी बल्‍ब की यूनिट
कन्नूर जिले के चेरुपुझा निवासी सेबस्टियन भाइयों

कन्नूर, एएनआइ। चुनौतियों के सामने अक्सर लोग बिखर जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो उन्हें मात देते हुए नया मुकाम हासिल कर लेते हैं। केरल के गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले तीन छात्रों के सामने कोविड-19 ने ऐसी ही चुनौतियां पेश कीं, लेकिन उन्होंने सूझबूझ और हिम्मत का परिचय देते हुए न सिर्फ खुद को संभाला बल्कि रोजगार खड़ाकर परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत भी किया। कन्नूर जिले के चेरुपुझा निवासी सेबस्टियन भाइयों की मुसीबतों की शुरुआत 10 पहले हुई थी, जब उनके पिता की मौत हो गई थी।

गरीब परिवार के बच्चों ने हौसले और सूझबूझ से लिखी सफलता की कहानी

फिलहाल तीनों भाइयों में सबसे छोटा सेंजो कक्षा सात में पढ़ता है, जबकि दो अन्य भाई स्टीफन व सोनी क्रमश: कक्षा आठ व 12 में पढ़ते हैं। पिता की मौत के बाद मां ने सिलाई का काम करके घर को संभालने की कोशिश की, लेकिन वह नाकाफी था। इसलिए, तीनों बच्चों को पढ़ने के साथ-साथ छोटे-मोटे काम भी करने पड़े। इस बीच कोरोना महामारी आ गई और उनके सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया।

सोनी के अनुसार, 'हमने पड़ोसियों के खराब बल्ब की मरम्मत शुरू की। लाकडाउन के कारण हमें मरम्मत के आर्डर ज्यादा मिलने लगे, क्योंकि सारी दुकानें बंद थीं। इससे घर के साथ-साथ पढ़ाई के खर्च की भी पूर्ति होने लगी।' उन्होंने कहा, 'शुरुआत में हम एलईडी और स्पाटलाइट की मरम्मत करते थे। धीरे-धीरे हमने बाजार से कच्चे माल की खरीद शुरू की और भाइयों की मदद से एलईडी बल्ब बनाना शुरू किया। लोगों को हमारे बल्ब पसंद आ रहे हैं।' स्टीफन व सोनी आसपास में समाचार पत्र व पंफलेट आदि का भी वितरण करते है।

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