कालाबाजारी के बीच अब कोरोना के इलाज में उपयोगी दवा रेमडेसिविर के 863 इंजेक्शन चोरी !

देश में कोरोना महामारी का संकट तेजी से बढ़ता जा रहा है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल की घटना। 144 कोरोना मरीजों को लगाए जा सकते थे ये इंजेक्शन। घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से पुलिस को कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिला।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 08:38 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 08:38 AM (IST)
कालाबाजारी के बीच अब कोरोना के इलाज में उपयोगी दवा रेमडेसिविर के 863 इंजेक्शन चोरी !
भोपाल में रेमडेसिविर दवा के 863 इंजेक्शन चोरी। (फोटो: दैनिक जागरण)

भोपाल, जेएनएन। कोरोना महामारी का संकट विकट होता जा रहा है। मरीजों की संख्या लगातार ब़़ढ रही है और अस्पताल में बेड कम हो रहे हैं। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दो महीने के दौरान सक्रिय मामलों यानी उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 12 गुना वृद्धि हुई है। इस बीच कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में उपयोगी मानी जाने वाली रेमडेसिविर इंजेक्शन की देश में कालाबाजारी और अब चोरी हो रही है। एक ओर लोग जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। दूसरी ओर कालाबाजार 

राजस्थान के अस्पताल में कोरोना वैक्सीन की चोरी के बाद अब मध्य प्रदेश से कोरोना के इलाज में उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी होने की खबर है। इस इंजेक्शन की पूरे देश में किल्लत चल रही है। इसकी कालाबाजारी की कई घटनाएं होने के बाद अब बाद चोरी की घटना भी सामने आई है। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हमीदिया अस्पताल से 863 रेमडेसिविर इंजेक्शन चोरी हो गए हैं। इंजेक्शन अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मंगाए गए थे। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और संदिग्धों से पूछताछ करने में जुटी है। वहीं, इंदौर में एक स्वास्थ्य कर्मी नीलेश चौहान 22 हजार रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने की कोशिश करते पकड़ा गया। नागपुर में भी पुलिस ने महंगे दामों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचते हुए विकास पाटिल, अमन शिंदे और ईश्वर मुकेश मंडल को गिरफ्तार किया। 

भोपाल पुलिस के मुताबिक हमीदिया अस्पताल में चोरी को शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात स्टोर रूम के पिछले हिस्से में लगी ग्रिल काटकर अंजाम दिया गया। घटना का पता चलते ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग समेत तमाम बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए। घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं होने से पुलिस को कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिल सका है। एक मरीज को छह इंजेक्शन की डोज के हिसाब से 144 कोरोना मरीजों को ये इंजेक्शन लगाए जा सकते थे। रोचक यह भी है कि स्टोर से केवल रेमडेसिविर इंजेक्शन ही चोरी हुए हैं। उधर, हरियाणा के गुरुग्राम में शनिवार को डिस्टि्रक्ट ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चौहान ने इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले तीन लोगों को पकड़ा। उन्हें जानकारी मिली थी कि एक फोन नंबर से इंजेक्शन बेचने की बात शहर में की जा रही है। खरीदार बनकर उन्होंने फोन किया तो जितेंद्र नाम का व्यक्ति इंजेक्शन देने पहुंचा। बाद में उसके दो साथी भी गिरफ्तार कर लिए गए।

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