Hyderabad Case : दुष्‍कर्म और हत्‍या के आरोपी ढेर, पुलिस ने बताई पूरी कहानी, मेनका ने उठाए सवाल

Hyderabad doctor murder case तेलंगाना पुलिस ने महिला डॉक्‍टर के दुष्‍कर्म और हत्‍या के सभी चारों आरोपियों को एनकाउंटर में मार गिराया है। कुछ नेताओं ने इस पर सवाल उठाए हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 06 Dec 2019 07:43 AM (IST) Updated:Fri, 06 Dec 2019 04:56 PM (IST)
Hyderabad Case : दुष्‍कर्म और हत्‍या के आरोपी ढेर, पुलिस ने बताई पूरी कहानी, मेनका ने उठाए सवाल
Hyderabad Case : दुष्‍कर्म और हत्‍या के आरोपी ढेर, पुलिस ने बताई पूरी कहानी, मेनका ने उठाए सवाल

हैदराबाद, एएनआइ। Hyderabad doctor murder case हैदराबाद में महिला डॉक्टर का दुष्‍कर्म और उसकी निर्मम हत्या के सभी चारो आरोपियों को तेलंगाना पुलिस ने शुक्रवार सुबह को एक एनकाउंटर में मार गिराया। रिपोर्टों के मुताबिक, पुलिस क्राइम सीन रिक्रिएट करने के लिए आरोपियों को मौका-ए-वारदात (नेशनल हाइवे-44) पर ले गई थी लेकिन वे फरार होने लगे। पुलिस ने फायरिंग की जिसमें सभी आरोपी मारे गए। इस घटना की अधिकांश नेताओं और दिग्‍गज हस्तियों ने सराहना की है, वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस नेता शशी थरूर, माकपा नेता सीताराम येचुरी और भाजपा सांसद मेनका गांधी ने इस तरीके पर सवाल उठाए हैं। 

मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान, पुलिस बोली- जवाब देने को तैयार 

इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर इस एनकाउंटर का संज्ञान लिया है। NHRC ने DG (Investigation) से जांच स्‍थल पर तुरंत अपनी टीम भेजने को कहा है ताकि तथ्‍यों का पता चल सके। इस बीच पुलिस ने दोपहर बाद अपनी प्रेस कांफ्रेंस में उक्‍त एनकाउंटर की पूरी कहानी बताई है। पुलिस ने कहा कि वह मानवाधिकार आयोग या किसी अन्य संगठन के सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार है। वह आरोपियों को लेकर घटनास्‍थल पर पीड़‍िता का फोन तलाशने गई थी। इसी दौरान उनमें से कुछ ने पुलिसकर्मियों पर एक डंडे से हमला करके उनका हथियार छीन लिया। आरोपी फरार होने की कोशिश करने लगे। जिसके बाद उन्‍हें चेतावनी दी गई। बाद में पुलिस ने फायरिंग की जिसमें सभी आरोपी मारे गए। पुलिस की पूरी प्रेस कांफ्रेंस पढ़ने के लिए यहां करें क्लिक। Hyderabad Encounter के 30 मिनट 

आरोपियों ने पुलिस टीम पर बोला था हमला 

पुलिस कम‍िश्‍नर की ओर से बताया गया है कि तेलंगाना पुलिस चारों आरोपियों को उस फ्लाइओवर के नीचे लेकर गई थी जहां उन्‍होंने पीड़िता को आग के हवाले किया था। उस जगह पर पीड़‍िता के सेल फोन की तलाश की जा रही थी ओर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया जा रहा था। इस दौरान चारों आरोपियों ने दो पुलिसकर्मियों के हाथियार छीन लिए और उन पर पत्‍थरों और डंडों से हमला बोल दिया। इस पर पुलिस ने उन्‍हें सरेंडर करने की चेतावनी दी। पुलिस ने जब देखा कि आरोपियों पर उनकी अपील का कोई असर नहीं हो रहा है और उनकी ओर से फायरिंग नहीं रुक रही है तो उसने भी जवाबी कार्रवाई में गोलियां चलाईं जिसमें चारों मारे गए। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुठभेड़ स्थल का दौरा करके सबूत जुटा लिए हैं। 

स्कूटी की हवा निकालकर की थी वारदात 

रिपोर्टों में कहा गया है कि 27-28 नवंबर की दरम्यानी रात को हैदराबाद में 27 साल की महिला डॉक्‍टर के साथ इन दरिंदों ने हैवानियत की थी। रिपोर्टों के मुताबिक, शराब पीते हुए इन आरोपियों ने डॉक्टर को स्कूटी पार्क करते देख उसके साथ हैवानियत की योजना बनाई थी। परिजनों के मुताबिक, हैवानों ने सबसे पहले स्कूटी की हवा निकालकर मदद का बहाना किया और फिर डॉक्‍टर का मोबाइल छीन लिया। इसके बाद उन्‍होंने पीड़‍िता के साथ बारी-बारी से दरिंदगी की और गला दबाकर उसकी हत्या की। 

जल्‍द इंसाफ दिए जाने की उठ रही थी मांग 

रिपोर्टों के मुताबिक, आरोपी यहीं नहीं रुके। उन्‍होंने पीड़‍िता की हत्या के बाद उसके शव को ट्रक में रखकर टोल बूथ से करीब 25 किलोमीटर दूर एक ओवरब्रिज के नीचे फेंक, पेट्रोल छिड़कर आग के हवाले कर दिया। जानवरों की डॉक्टर के साथ सामूहिक दुष्‍कर्म और उसकी बर्बर हत्या की वारदात से पूरा देश आंदोलनरत था। सड़क से संसद तक जल्‍द से जल्‍द इंसाफ दिए जाने की मांग उठ रही थी। पुलिस कमिश्‍नर ने भी अपने बयान में बताया है कि आरोपियों ने पहले पीड़‍िता की हत्‍या की उसके बाद उसके शव को जलाया। 

ओवैसी, थरूर, येचुरी और मेनका ने उठाए सवाल 

इस एनकाउंटर को लेकर राजनेताओं की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। अधिकांश नेताओं ने हैदराबाद पुलिस की तारीफ की है तो कुछ ने इस पर सवाल भी खड़े किए हैं। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, हर एनकाउंटर की जांच होनी चाहिए। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया है कि न्यायिक व्यवस्था से इतर ऐसे एनकाउंटर स्वीकार नहीं किए जा सकते हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा है कि न्याय कानून के तहत होना चाहिए था। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि गैर-न्यायिक हत्याएं महिलाओं के प्रति हमारी संजीदगी का जवाब नहीं हो सकती हैं। वहीं भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा है कि आरोपियों को कानून के जरिए सजा दी जानी चाहिए थी।

#WATCH Maneka Gandhi:Jo hua hai bohot bhayanak hua hai desh ke liye. You can't take law in your hands,they(accused) would've been hanged by Court anyhow. If you're going to shoot them before due process of law has been followed, then what's the point of having courts,law&police? pic.twitter.com/w3Fe2whr31 — ANI (@ANI) December 6, 2019

यूपी पुलिस ले सीख

दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस एनकाउंटर पर लोग खुशी जता रहे हैं। लेकिन, यह चिंता का विषय है कि लोगों का क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम से भरोसा उठ गया है। वहीं कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा है कि इसकी पूरी जांच होना चाहिए कि क्या यह वास्तविक मुठभेड़ थी और आरोपी भागने की कोशिश कर रहे थे।दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार सो रही है। उत्‍तर प्रदेश और दिल्ली की पुलिस को भी तेलंगाना पुलिस से सीख लेनी चाहिए, लेकिन दुर्भाग्य से इन राज्‍यों में अपराधियों की मेहमाननवाजी की जाती है। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा है कि पुलिस ने साहसि‍क काम किया है। मुझे लगता है कि इस न्‍याय से देश की जनता को सकून मिला है। 

#WATCH Baba Ramdev: Jo is tarah ke apradhi hote hain,kalank hain,jinse desh,dharm,sanskriti badnaam hoti hai,unke saath aur jo aatankwadi hain unke saath, on the spot police aur sena ko aise hi karyavahi karni chahiye,jin ghatnaon mein sandeh hai unhe Court mein le jana chahiye.. pic.twitter.com/R6yAWBf5uZ — ANI (@ANI) December 6, 2019

पिता बोले, मेरी बेटी की आत्मा अब शांति मिलेगी

इस बीच पीड़‍िता के चाचा का बयान सामने आया है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि न्‍याय त्‍वरित होना चाहिए ताकि लोगों में अपराध के प्रति भय हो। वहीं पीड़‍िता के पिता ने कहा कि मैं इसके लिए पुलिस और सरकार के प्रति आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मेरी बेटी की आत्मा अब शांति मिलेगी। पीड़‍िता की बहन ने कहा है कि मैं बहुत खुश हूं। यह एक उदाहरण है। रेकॉर्ड समय में इंसाफ मिला है। मैं उनका शुक्रगुजार हूं जो इस मुश्किल घड़ी में भी हमारे साथ खड़े रहे।

निर्भया के दोषियों को भी फांसी दें 

सात साल पहले 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में पैरामेडिकल स्टूडेंट निर्भया के साथ चलती बस में दरिंदगी की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। कोर्ट ने सभी बालिग दोषियों (1 नाबालिग था, एक आरोपी ने तिहाड़ जेल में खुदकुशी कर ली थी) को मौत की सजा सुनाई थी। लेकिन अभी तक अदालत द्वारा दी गई सजा पर अमल नहीं हो सका है। निर्भया की मां ने कहा है कि हैदराबाद पुलिस का धन्यवाद। उसने एक नजीर पेश किया है जिससे ऐसा अपराध करने वालों में डर बैठेगा। इससे बढ़िया इंसाफ कुछ हो नहीं सकता था। अब जल्द से जल्द निर्भया के दोषियों को भी फांसी दी जाए।  

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