इन तारों से पृथ्वी पर नजर रख रहे होंगे एलियंस, विज्ञानियों ने 1,715 तारा प्रणालियों की बनाई सूची

खगोल विज्ञानियों ने निकटवर्ती तारा प्रणालियों की सूची तैयार की है जहां परिक्रमारत ग्रहों पर रहने वाले प्राणी पृथ्वी पर जीवन देखने के लिए सर्वोत्तम स्थिति में हैं। विज्ञानियों ने हमारे ब्रह्मांडीय पड़ोस में 1715 तारा प्रणालियों की पहचान की है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 12:31 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 12:31 PM (IST)
इन तारों से पृथ्वी पर नजर रख रहे होंगे एलियंस, विज्ञानियों ने 1,715 तारा प्रणालियों की बनाई सूची
46 तारा प्रणालियों के ग्रह हमारे बेहद करीब

[मुकुल व्यास] यदि पारलौकिक दुनिया में सचमुच जीवन है तो मुमकिन है कि वहां के प्राणियों की नजर हमारे ऊपर हो। खगोल विज्ञानियों ने निकटवर्ती तारा प्रणालियों की सूची तैयार की है जहां परिक्रमारत ग्रहों पर रहने वाले प्राणी पृथ्वी पर जीवन देखने के लिए सर्वोत्तम स्थिति में हैं। विज्ञानियों ने हमारे ब्रह्मांडीय पड़ोस में 1,715 तारा प्रणालियों की पहचान की है जहां से पारलौकिक पर्यवेक्षक पृथ्वी पर नजर रख रहे होंगे। हो सकता है कि उन्होंने पिछले 5,000 वर्षो के दौरान पृथ्वी को सूरज के सामने से गुजरते हुए देख लिया हो। जो तारा प्रणालियां सूरज के सम्मुख पृथ्वी के पारगमन का पर्यवेक्षण करने की सही स्थिति में हैं, उनमें से 46 तारा प्रणालियों के ग्रह हमारे इतने करीब हैं कि वे मानव के अस्तित्व के संकेत ग्रहण कर सकते हैं। ये संकेत रेडियो और टीवी प्रसारणों के हैं, जिनकी शुरुआत करीब 100 साल पहले हुई थी।

अनुमान है कि 29 आवास योग्य ग्रह सूरज के सम्मुख पृथ्वी के पारगमन को देखने और मनुष्य के रेडियो और टीवी प्रसारण सुनने की सबसे अच्छी स्थिति में हैं। इनके आधार पर पारलौकिक पर्यवेक्षक पृथ्वीवासियों के बुद्धिमत्ता के स्तर का अंदाजा लगा सकते हैं। क्या ये प्रसारण किसी उन्नत सभ्यता को पृथ्वी वासियों से संपर्क के लिए बाध्य करेंगे, यह एक विचारणीय प्रश्न है।

पृथ्वी के खगोल विज्ञानी अब तक सौरमंडल से बाहर हजारों ग्रहों का पता लगा चुके हैं। इनमें से करीब 70 प्रतिशत का पता तब चला जब पारलौकिक ग्रहों ने अपने मेजबान तारे के सामने से गुजरते हुए खगोल विज्ञानियों की दूरबीनों पर पहुंचने वाली कुछ रोशनी को बाधित कर दिया। भविष्य में अंतरिक्ष में भेजी जाने वाली दूरबीनें बाहरी ग्रहों के वायुमंडलों की संरचना का विश्लेषण करके वहां जीवन के चिह्नें की तलाश करेंगी। नासा का जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप इसी साल भेजा जाएगा। इस नई दूरबीन से बाहरी ग्रहों के बेहतर पर्यवेक्षण में मदद मिलेगी।

अमेरिका की कार्नेल यूनिवर्सटिी के कार्ल सेगन इंस्टीट्यूट की निदेशक लीसा काल्टेनेगर और उनके सहयोगी डा. जैकी फाहर्टी ने उन निकटवर्ती तारा प्रणालियों की पहचान की है, जो सूरज के सम्मुख पृथ्वी के पारगमन को देखने की अच्छी स्थिति में हैं। इससे उन्होंने 2,034 तारा प्रणालियों की पहचान की जो पृथ्वी से 326 प्रकाश वर्ष के दायरे में हैं। वर्गो नक्षत्र मंडल में रोस 128 नामक एक बौना लाल तारा पृथ्वी से 11 प्रकाश वर्ष दूर है। पृथ्वी के रेडियो प्रसारण सुनने के हिसाब से वह हमारे बहुत करीब है। इस तारे के एक ग्रह का आकार पृथ्वी से दोगुना है। पृथ्वी से करीब 12.5 प्रकाश वर्ष दूर टीगरडस स्टार का भी उल्लेख किया जा सकता है। यदि इस तारे के दो ग्रहों में से एक पर बुद्धिमान प्राणियों का वास है तो वह 29 वर्ष में पृथ्वी के पारगमन को देखने के लिए अच्छी स्थिति में होगा।

(लेखक विज्ञान के जानकार हैं)

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