अकबर व रमानी ने समझौते से किया इन्कार, यौन शोषण के आरोप में अकबर को मंत्री पद छोड़ना पड़ा था
मीटू अभियान के तहत प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके चलते अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं अकबर ने रमानी के आरोप को झूठा बताते हुए उनके खिलाफ मानहानि का दावा किया था।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर की तरफ से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में राउज एवेन्यू की विशेष अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों ने बताया कि समझौते की कोई गुंजाइश नहीं है।
अकबर ने कहा- माफी मांगें प्रिया, रमानी अपने बयान पर कायम
अकबर के वकील ने कहा कि रमानी माफी मांग लेती हैं तो समझौता हो सकता है। वहीं, रमानी के वकील ने कहा कि उन्होंने जो भी कहा है, उस पर कायम हैं और माफी नहीं मांगेंगी।
विशेष अदालत ने कहा- अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी
इस पर विशेष अदालत ने कहा कि समझौता नहीं हो सकता तो अंतिम बहस को सुना जाएगा। मामले की अगली सुनवाई दो दिसंबर को होगी।
अंतिम बहस सुन चुके मजिस्ट्रेट का हो गया तबादला
विगत शनिवार को विशेष अदालत ने समझौते की गुंजाइश के बारे में पूछा था। अंतिम बहस शुरू करने से पहले अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार ने दोनों पक्षों से इस बारे में पूछा था, क्योंकि उन्हें नए सिरे से अंतिम बहस सुननी होगी। इस मामले की अंतिम बहस सुन चुके अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहुजा का तबादला हो गया था।
रमानी ने अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था
ध्यान रहे कि मीटू अभियान के तहत प्रिया रमानी ने एमजे अकबर पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके चलते अकबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। वहीं, अकबर ने रमानी के आरोप को झूठा बताते हुए उनके खिलाफ मानहानि का दावा किया था।