दिव्यांगों के लिए आसान होगी हवाई यात्रा, गाइडलाइन का मसौदा तैयार

सुधा चंद्रन ने पिछले सप्ताह इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि एयरपोर्ट पर जांच के दौरान उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए दिव्यांगों के लिए नागर विमानन मंत्रालय ने गाइडलाइन का मसौदा तैयार किया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 03:26 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:57 AM (IST)
दिव्यांगों के लिए आसान होगी हवाई यात्रा, गाइडलाइन का मसौदा तैयार
दिव्यांगों के लिए आसान होगी हवाई यात्रा, गाइडलाइन का मसौदा तैयार

नई दिल्ली, प्रेट्र।  दिव्यांग आसानी से विमान यात्रा कर सकें, इसके लिए नागर विमानन मंत्रालय ने गाइडलाइन का मसौदा तैयार किया है। बता दें कि अभिनेत्री सुधा चंद्रन ने पिछले सप्ताह इंटरनेट मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि एयरपोर्ट पर जांच के दौरान उन्हें बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया था कि किस तरह अक्सर हवाई यात्रा के दौरान सुरक्षाकर्मी उन्हें कृत्रिम पैर हटाने के लिए कहते हैं।

जो मसौदा तैयार किया गया है, उसके मुताबिक दिव्यांग की गरिमा और गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट संचालकों को विशेष व्यवस्था करनी होगी। साथ ही कृत्रिम अंग की जांच के दौरान उसे हटाने की बजाय एक्स-रे, विस्फोटक का पता लगाने वाली डिवाइस से इसके अंदर की चीजों का पता लगाने की बात कही गई है। गाइडलाइन में यह भी कहा गया है कि अगर कोई दिव्यांग व्यक्ति मेटल डिटेक्टर दरवाजे से गुजरता है तो उसके बाद उसे दूसरे स्थान पर ले जाकर आराम से बैठाया जाए। अगर कृत्रिम अंग ऐसा है, जिसमें किसी तरह का फोम नहीं लगा है और स्टील राड स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है तो इसे हटाए बिना जांच की जानी चाहिए।

हाल में ही फिल्म और टीवी इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री सुधा चंद्रन ने कुछ दिन पहले अपने सोशल मीडिया अकाउंट इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया था जिसमें उन्होंने अपने साथ होने वाली एक परेशानी के जिक्र किया था। इस वीडियो में सुधा ने बताया था कि किसी भी शूटिंग या शो में जाने के लिए एयरपोर्ट पर उन्हें अपना आर्टिफीशियल लिंब उतारना पड़ता है। सुधा ने वीडियो में अपनी तकलीफ का जिक्र करते हुए पीएम मोदी से सीनियर सिटिजन कार्ड उपलब्ध कराने की मांग की थी। सुधा चंद्रन की इस शिकायत के बाद CISF ने उनसे माफी भी मांगी थी और आगे से ऐसा ना होने का आश्वासन भी दिया था।

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