Air Marshal RKS Bhadauria के वायुसेना चीफ बनाने के पीछे एक नहीं कई हैं वजह

Air Marshal RKS Bhadauria सरकार द्वारा अगले एयर चीफ मार्शल के रूप में एयर मार्शल आरके सिंह भदौरिया 26 तरह के लड़ाकू विमान उड़ाने में माहिर हैं। उन्‍हें सरकार ने एक्‍सटेंशन दिया है

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 10:54 AM (IST) Updated:Sat, 21 Sep 2019 02:34 PM (IST)
Air Marshal RKS Bhadauria के वायुसेना चीफ बनाने के पीछे एक नहीं कई हैं वजह
Air Marshal RKS Bhadauria के वायुसेना चीफ बनाने के पीछे एक नहीं कई हैं वजह

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एयर मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया (Air Marshal Rakesh Kumar Bhadauria) देश में ऐसे दूसरे वायुसेना अधिकारी हैं जिन्‍हें वायुसेना प्रमुख बनाने के लिए सरकार ने एक्‍सटेंशन दिया है। इस एक्‍सटेंशन और उन्‍हें नया वायुसेना प्रमुख नियुक्‍त करने के पीछे एक बड़ी वजह राफेल की अगले माह होने वाली डिलीवरी को माना जा रहा है। भदौरिया को 1 मई 2019 को एयर मार्शल बनाया गया था। आपको बता दें कि भदौरिया उन गिने-चुने वायुसेना के अधिकारियों में से एक हैं जिन्‍हें राफेल विमान उड़ाने की ट्रेनिंग के लिए फ्रांस भेजा गया था। इसी वर्ष 12 जुलाई को भी उन्‍होंने फ्रांस के मोंटे डे मार्सन एयर बेस (French Air force's Mont De Marsan Air Base) से राफेल उड़ाया था। 

राफेल सौदे में अहम भूमिका 

भदौरिया को एक्‍सटेंशन दिए जाने के पीछे एक दूसरी वजह उनकी राफेल सौदे में अहम भूमिका भी हो सकती है।वह फ्रांस से हुए इस सौदे को लेकर होने वाली वार्ता में बतौर डिप्‍टी चीफ शामिल हुए थे। अब उनके सामने ही राफेल भारतीय वायुसेना में शामिल होना तय है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांसीसी फर्म डसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित पहला भारतीय राफेल लड़ाकू विमान लेने के लिए 8 अक्टूबर को फ्रांस जाएंगे। पहले तक खबरें थी कि ये विमान 20 सितंबर को मिलने वाले हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि 8 अक्टूबर दो कारणों से महत्वपूर्ण है। दरअसल, उस दिन दशहरा और वायुसेना दिवस दोनों हैं।

#WATCH France: Indian Air Force Vice Chief Air Marshal RKS Bhadauria takes a sortie on Rafale aircraft at French Air Force’s Mont de Marsan air base. pic.twitter.com/weLdlHrlLJ

— ANI (@ANI) July 11, 2019

भदौरिया से पहले सूरी को एक्‍सटेंशन देकर बनाया था प्रमुख 

आपको बता दें कि एयर मार्शल भदौरिया से पहले एयर मार्शल निर्मल चंद्र सूरी (एनसी सूरी) को इसी तरह से तत्‍कालीन सरकार ने 1991 को एक्‍सटेंशन देकर वायुसेना प्रमुख बनाया था। वह 31 जुलाई 1991 से 31 जुलाई 1993 तक वायुसेना प्रमुख रहे थे। उन्‍होंने एयर चीफ मार्शल एसके मेहरा से पदभार ग्रहण किया था।

‘तेजस’ से भी जुड़े रहे हैं भदौरिया 

आपको बता दें कि एयर मार्शल भदौरिया राफेल के अलावा तेजस और जगुआर से भी जुड़े रहे हैं। वह दक्षिण-पश्चिम सेक्‍टर में तैनात जगुआर स्‍क्‍वाड्रन के कमाडिंग ऑफिसर रह चुके हैं। इसके अलावा वह स्‍वदेश में निर्मित लड़ाकू विमान तेजस के चीफ टेस्‍ट पायलट भी रह चुके हैं। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 सितंबर 2019 को तेजस विमान में उड़ान भरकर इतिहास रचा था। इस उड़ान के दौरान उन्‍होंने कुछ समय के लिए इसका नियंत्रण भी संभाला था। इसके अलावा वह नेशनल फ्लाइट टेस्‍ट सेंटर के प्रोजेक्‍ट डायरेक्‍टर भी रहे हैं। भदौरिया मास्‍को में एयर अटैची के अलावा एनडीए के कमांडेंट  भी रह चुके हैं। वह ए श्रेणी के फ्लाइंग इंस्‍ट्रक्‍टर और पायलट अटैक इंस्‍ट्रक्‍टर की भी भूमिका निभा चुके हैं।  

भदौरिया के साथ पांच अधिकारी भी थे दौड़ में शामिल

वायुसेना प्रमुख पद के लिए पांच वरिष्ठ अधिकारियों के नाम की चर्चा थी। इनमें भदौरिया के अलावा दक्षिणी वायु कमान के प्रमुख एयर मार्शल बी सुरेश, पश्चिमी कमान के प्रमुख आर नांबियार, दक्षिण-पश्चिमी कमान के प्रमुख एचएस अरोड़ा और मध्य कमान के प्रमुख एयर मार्शल राजेश कुमार शामिल थे।

पैतृक गांव में खुशी की लहर 

गौरतलब है कि भदौरिया के पिता भी एयरफोर्स के रिटायर्ड अधिकारी हैं। आगरा से कुछ दूर कोरथ के गांव बाह उनका पैतृक गांव है। हालांकि उनका जन्‍म इस गांव में नहीं हुआ है। अपने व्‍यस्‍त जीवन से कुछ पल निकालकर वह अपने गांव भी आते रहे हैं। उनके वायुसेना प्रमुख बनने की खबर मिलते ही गांववासी फूले नहीं समा रहे हैं।

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