वायुसेना के 42 विमान कोरोना राहत आपरेशन में जुटे, अन्य देशों से अब तक लाए गए 900 से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडर

भारत की रेडक्रास सोसाइटी के मुताबिक ब्रिटेन तो भारत के लिए पांच हजार सिलेंडर भेज रहा है। इसमें से 900 आक्सीजन सिलेंडर जो लाए गए हैं वह तमिलनाडु के लिए हैं। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक 180 खाली क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर की ढुलाई हो चुकी है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 09:38 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 09:38 PM (IST)
वायुसेना के 42 विमान कोरोना राहत आपरेशन में जुटे, अन्य देशों से अब तक लाए गए 900 से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडर
अन्य देशों से 54 क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर और 900 से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडर ला चुकी है वायुसेना

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। आक्सीजन की कमी से जूझ रहे कोरोना मरीजों की मदद के लिए भारतीय वायुसेना अन्य देशों से अब तक 54 क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर और 900 से ज्यादा आक्सीजन सिलेंडर लेकर आ चुकी है। वायुसेना के विमान इसके लिए 140 घंटे की उड़ान भर चुके हैं। इस क्रम में वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर 35 घंटे की लगातार ड्यूटी करते हुए 37 टन आक्सीजन सिलेंडर ब्रिटेन के ब्राइज नॉर्टन से मंगलवार को लेकर चेन्नई पहुंचा। जामनगर से यह विमान दो मई को ब्राइज नॉर्टन के लिए रवाना हुआ और मिस्त्र के क्योरो में रिफ्यूलिंग की।

कोरोना की गंभीर चुनौती का मुकाबला कर राहत सहायता तेजी से पहुंचाने के आपरेशन में वायुसेना ने अपने 42 विमानों को लगा रखा है। भारत की रेडक्रास सोसाइटी के मुताबिक, ब्रिटेन तो भारत के लिए पांच हजार सिलेंडर भेज रहा है। इसमें से 900 आक्सीजन सिलेंडर जो लाए गए हैं वह तमिलनाडु के लिए हैं।

वायुसेना इसके साथ ही देश के अलग-अलग हिस्सों में अब तक 180 खाली क्रायोजनिक आक्सीजन टैंकर की ढुलाई कर चुकी है। कोरोना मरीजों के लिए जरूरी चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों के अलावा आक्सीजन प्लांट को भी एयरलिफ्ट करने का वायुसेना का अभियान जारी है। नौसेना की रैपिड एक्शन मेडिकल टीम को भी वायुसेना ने एयरलिफ्ट किया है। कोरोना महामारी से जुड़े आपरेशन में वायुसेना के 42 विमान दिन-रात राहत और सहायता पहुंचाने में जुटे हैं। इनमें आठ सी-17 ग्लोबमास्टर, चार आइएल-76, 10 सी-130 और 20 एन-32 विमान शामिल हैं। इसके अलावा एमआइ 17वी5 और चिनूक हेलीकाप्टर भी मंगलवार तक राहत सहायता पहुंचाने के लिए 360 घंटे की उड़ान भर चुके हैं।

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