किसानों ने खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्‍पादन से करा दी भारत की बल्‍ले-बल्‍ले, पहले से कहीं ज्‍यादा भरेंगे भंडार

किसानों की मेहनत और मानसून का बेहतर होना दोनों का ही असर इस बार खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्‍पादन पर दिखाई दे रहा है। कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि कई चीजों में बीते पांच वर्षों की तुलना में रिकॉर्ड उत्‍पादन हुआ है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 07:38 AM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:44 PM (IST)
किसानों ने खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्‍पादन से करा दी भारत की बल्‍ले-बल्‍ले, पहले से कहीं ज्‍यादा भरेंगे भंडार
इस बार रिकॉर्ड उत्‍पादन होने का अनुमान है।

नई दिल्ली (पीटीआई)। वर्ष 2020-21 में खाद्यान्न उत्पादन नई ऊंचाई छूने वाला है। ताजा आकलन पेश करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने बताया कि चालू फसल वर्ष में खाद्यान्न की पैदावार 30.33 करोड़ टन से भी ऊपर जाने का अनुमान है। इस तरह यह अब तक का सबसे बंपर उत्पादन वर्ष साबित होने वाला है। पिछले फसल वर्ष में खाद्यान्न का उत्पादन स्तर 29.75 करोड़ टन था। 

चावल, गेहूं, दाल व मोटे अनाज के रूप में इसका उत्पादन इस वर्ष दो फीसद अधिक का रहेगा। फसल वर्ष की गणना जुलाई से अगले वर्ष जून की होती है। पैदावार वृद्धि में मानसून अच्छा रहने का बड़ा योगदान रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उत्पादन वृद्धि में किसानों की कठिन मेहनत के अलावा विज्ञानियों के प्रयास व केंद्र सरकार की अच्छी पहल का भी योगदान है।

आंकड़ों के मुताबिक, चालू फसल वर्ष में चावल का उत्पादन 12 करोड़ टन के स्तर को पार कर जाएगा। पिछले वर्ष यह 11.88 करोड़ टन था। इसी प्रकार, गेहूं की पैदावार पिछले वर्ष के 10.78 करोड़ टन के मुकाबले बढ़कर 10.92 करोड़ टन के ऊपर चला जाएगा। मोटे अनाज की पैदावार भी बढ़कर 4.93 करोड़ टन से अधिक होगी। दाल की पैदावार इस वर्ष 2.44 करोड़ टन पहुंचने का आकलन है।

पिछले वर्ष इसका कुल उत्पादन 2.30 करोड़ टन का था। गैर-खाद्यान्न में तिलहन की पैदावार इस बार बढ़कर 3.73 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच जाएगी। इसी प्रकार, गन्ने की पैदावार तेज होकर 39.76 करोड़ टन व कपास की पैदावार बढ़कर 3.65 करोड़ बेल्स की हो जाएगी।

एक नजर में:- 

खाद्यान्‍न – 303.34 मिलियन टन (रिकार्ड), जो बीते पांच वर्षों (2015-16 से 2019-20) के औसत खाद्यान्‍न उत्‍पादन की तुलना में 24.47 मिलियन टन अधिक है।

चावल – 120.32 मिलियन टन (रिकार्ड), जो की बीते 5 वर्षों के 112.44 मिलियन टन औसत उत्‍पादन की तुलना में 7.88 मिलियन टन अधिक है।

गेहूं– 109.24 मिलियन टन (रिकार्ड), जो बीते पांच वर्षों के 100.42 मिलियन टन औसत उत्‍पादन की तुलना में 8.81 मिलियन टन अधिक है।

पोषक/मोटा अनाज– 49.36 मिलियन टन, जो वर्ष 2019-20 के दौरान प्राप्‍त 47.75 मिलियन टन उत्‍पादन की तुलना में 1.62 मिलियन टन अधिक है। यह औसत उत्‍पादन की तुलना में भी 5.35 मिलियन टन अधिक है।

मक्‍का – 30.16 मिलियन टन(रिकार्ड)

दलहन – 24.42 मिलियन टन, जो विगत पांच वर्षों के 21.99 मिलियन टन औसत उत्‍पादन की तुलना में 2.43 मिलियन टन अधिक है।

गन्‍ना – 397.66 मिलियन टन, जो वर्ष 2020-21 के दौरान गन्‍ने का उत्‍पादन औसत गन्‍ना उत्‍पादन 362.07 मिलियन टन की तुलना में 35.59 मिलियन टन अधिक है।

कपास – 36.54 मिलियन गांठें (प्रति 170 कि. ग्रा.),  जो औसत कपास उत्‍पादन की तुलना में 4.65 मिलियन गांठें अधिक है। 

पटसन एवं मेस्‍टा – 9.78 मिलियन गांठें (प्रति 180 कि. ग्रा.), जो पटसन एवं मेस्‍ता का उत्‍पादन 9.78 मिलियन गांठें (प्रति 180 किग्रा की गांठें) अनुमानित हैं।

तूर – 3.88 मिलियन टन

चना –11.62 मिलियन टन(रिकार्ड)

तिलहन – 37.31 मिलियन टन

मूंगफली – 10.15 मिलियन टन(रिकार्ड)

सोयाबीन – 13.71 मिलियन टन

रेपसीड एवं सरसों– 10.43 मिलियन टन(रिकार्ड)

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