कृषि क्षेत्र में जान फूंकेगा इन्फ्रा फंड, जानें कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में देगा आर्थिक विकास को रफ्तार

कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होगी। इससे पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। केंद्र सरकार ने इसी के मद्देनजर एक लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की घोषणा की है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 10:04 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 12:38 AM (IST)
कृषि क्षेत्र में जान फूंकेगा इन्फ्रा फंड, जानें कैसे ग्रामीण क्षेत्रों में देगा आर्थिक विकास को रफ्तार
कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होगी।

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास की रफ्तार तेज होगी। इससे पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित होंगे। केंद्र सरकार ने इसी के मद्देनजर एक लाख करोड़ रुपये का भारी-भरकम एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की घोषणा की है, जिससे घरेलू एवं वैश्विक मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। एक अनुमान के मुताबिक 15 राज्यों में इस फंड का 80,000 करोड़ रुपये निवेश होने पर 15 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे।

कृषि क्षेत्र को मजबूती देने का मकसद

केंद्र सरकार ने राज्यों को आगे बढ़कर इसमें हिस्सा लेने की अपील की है। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में एक लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना के पीछे कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाने के साथ विकास को गति प्रदान करना है। केंद्रीय कृषि व वाणिज्य मंत्री के साथ विचार-विमर्श के दौरान सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसका फायदा उठाने के लिए उत्सुकता दिखाई। इन्फ्रा फंड का उपयोग करने के लिए निर्धारित लोगों की संख्या बढ़ा दी गई है।

रियायतों को प्रोत्‍साहन

अब इसमें किसान, किसान उत्पादक संगठन, प्राथमिक सहकारी संस्थाएं, कृषि क्षेत्र के उद्यमी, स्टार्टअप, स्वयं सहायता समूह, मंडियां, राज्य व केंद्रीय एजेंसियां और फेडरेशन हिस्सा ले सकते हैं। इसका लाभ उठाने के लिए कई तरह की रियायतों के साथ प्रोत्साहन की बात कही गई है।

मार्केटिंग सुविधाएं विकसित करने पर जोर

कृषि क्षेत्र को लाभकारी बनाने की राह की प्रत्येक कमजोर कड़ी को मजबूत बनाने की जरूरत के मद्देनजर एग्री इन्फ्रा फंड का गठन किया गया है। स्मार्ट कृषि, उन्नत बीज, सीड प्रोसेसिंग, टिश्यू कल्चर व नर्सरी और सप्लाई चेन के साथ पोस्ट हार्वेस्ट यानी फसल कटने के बाद की प्रक्रियाओं में पैक हाउस, क्लीनिंग, ड्राइंग, सार्टिंग, ग्रे¨डग, स्टोरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर, ई-मार्केटिंग सुविधाएं विकसित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा।

बढ़ेंगे रोजगार के मौके

प्राइमरी प्रोसेसिंग क्षेत्र में स्पाइसेज ग्राइंडिंग, गुड़ उत्पाद व पराली प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाएगी। फिलहाल इन्फ्रा फंड से अब तक 6774 प्रोजेक्ट के लिए आवेदन किए गए हैं, जिसमें सर्वाधिक 3981 प्रोजेक्ट केवल गोदामों के निर्माण के लिए हैं। एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश के साथ रोजगार बढ़ने के अवसर मिलेंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों की बदले की तस्‍वीर

इस फंड से ग्रामीण क्षेत्रों में नौकरियां सृजित करने में मदद मिलेगी। कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 8,000 करोड़ से अधिक के निवेश से डेढ़ लाख नौकरियां पैदा होंगी। जबकि मध्य प्रदेश में 9,685 करोड़ रुपये के निवेश से 2.15 लाख रोजगार सृजित होंगे। पंजाब में 4,350 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना के मद्देनजर 58,000 नई नौकरियां इस क्षेत्र में सृजित होंगी। राजस्थान में 4,340 करोड़ रुपये के निवेश से एक लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं।

इन फसलों को दी जाएगी तरजीह

मांग आधारित और क्षेत्र विशेष वाले क्लाइमेटिक जोन में निर्धारित फसलों की खेती के प्रोत्साहन के लिए इस फंड से निवेश की सुविधा है। घरेलू व निर्यात मांग वाले कृषि उपज को खास तरजीह देने के लिए जिस तरह की जरुरतें पड़ती हैं, उसे इससे पूरा किया जा सकता है।

क्लस्टर आधारित कृषि को रियायतें

फिलहाल निर्यात जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्गेनिक फसलों के साथ पोषक तत्वों वाली फसलों को तरजीह दी सकेगी। इसके लिए एफपीओ और क्लस्टर आधारित कृषि को विशेष रियायतें दी सकती हैं। उपज की बिक्री स्थल यानी मंडियों को आधुनिक संसाधनों से लैस किया जा सकेगा, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य पर बेचने में सहूलियत मिल सके। 

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