भारत और सेंट विंसेंट व ग्रेनेडाइंस के बीच समझौते को मिली मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट ने दोनों देशों के बीच कर संबंधी अहम समझौते को दी मंजूरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल इस समझौते को मंजूरी दी है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच कर दावों के निस्तारण सहायता मिलेगी।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 01:42 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 01:42 AM (IST)
भारत और सेंट विंसेंट व ग्रेनेडाइंस के बीच समझौते को मिली मंजूरी
भारत और सेंट विंसेंट व ग्रेनेडाइंस के बीच समझौते को मिली मंजूरी

नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और सेंट विंसेंट व ग्रेनेडाइंस के बीच कर सूचनाओं के आदान-प्रदान और उन्हें जमा करने में सहायता के लिए एक समझौते को मंजूरी दी।

भारत और कैरीबियाई द्वीपीय देश सेंट विंसेंट व ग्रेनेडाइंस के बीच समझौता आपस में कर सूचनाओं के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में मदद करेगा। इस समझौते में बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा आयोजित सूचनाओं को साझा करना शामिल है, जिसमें स्वामित्व संबंधी कानूनी जानकारियां भी शामिल हैं।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच कर दावों के निस्तारण सहायता मिलेगी। इसी प्रकार यह अपतटीय कर चोरी और कर परिहार प्रथाओं से लड़ने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा, जिससे बेहिसाब काला धन पैदा होता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल इस समझौते को मंजूरी दी है। समझौते में विदेश में कर जांच के प्रविधान भी शामिल हैं, जिनसे एक देश दूसरे देश के प्रतिनिधियों को लोगों का साक्षात्कार करने और कर उद्देश्यों के लिए रिकार्ड की जांच के लिए अपने क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दे सकता है।

सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस के साथ अतीत में ऐसा कोई समझौता नहीं था। भारत इस समझौते पर लंबे समय से बातचीत कर रहा था। अंत में सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस ने भारत के साथ इस समझौते को अंतिम रूप देने पर सहमति व्यक्त की। इस समझौते से दोनों पक्षों के बीच बकाया कर दावों में सूचना संग्रह और आदान-प्रदान के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।

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