पेगासस मामला: NSO निदेशकों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने पर अटार्नी जनरल ने नहीं दी सहमति

भारत के अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने पेगासस साफ्टवेयर के जरिये सुप्रीम कोर्ट के जज और कुछ अधिकारियों की कथित निगरानी के लिए इजरायल के एनएसओ समूह के निदेशकों के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से इनकार कर दिया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 10 Oct 2021 03:19 AM (IST) Updated:Sun, 10 Oct 2021 03:19 AM (IST)
पेगासस मामला: NSO निदेशकों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने पर अटार्नी जनरल ने नहीं दी सहमति
पेगासस मामले में अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति से इनकार

नई दिल्ली, एएनआइ। Pegasus Spyware Row: पेगासस साफ्टवेयर के  जरिये सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज और कुछ अधिकारियों की कथित निगरानी के लिए इजरायल के एनएसओ समूह के निदेशकों के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति देने से भारत के अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल (KK Venugopal) ने इनकार कर दिया है।

तमिलनाडु सांसद ने की थी गृह सचिव अजय भल्ला व राजीव गौबा के खिलाफ ये मांग   

अटार्नी जनरल की प्रतिक्रिया तमिलनाडु के सांसद डा. टी थिरुमावलवन द्वारा लिखे गए एक पत्र पर आई, जिन्होंने पेगासस में कथित संलिप्तता के लिए गृह सचिव अजय भल्ला के साथ-साथ पूर्व गृह सचिव राजीव गौबा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए सहमति मांगी थी।

सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है पेगासस मामला

बताया जाता है कि पेगासस के जरिये कथित तौर पर जस्टिस अरुण मिश्रा से जुड़े एक पुराने मोबाइल नंबर, जब वे पद पर थे, सुप्रीम कोर्ट के दो रजिस्ट्री अधिकारियों और भारत के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों लगाने वाली महिला कर्मी की निगरानी की गई।  वेणुगोपाल ने कहा कि पेगासस का मुद्दा वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है।

अटार्नी जनरल ने कहा- 

थिरुमावलवन को दिए गए जवाब में अटार्नी जनरल ने कहा कि यह सवाल कि क्या भारत सरकार ने पेगासस साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है और यदि हां, तो किसके खिलाफ, मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। इस मामले का जब तक निस्तारण नहीं हो जाता मेरे लिए कार्यवाही शुरू करने की सहमति देना मेरे लिए अनुचित होगा।

पिछले माह इस मामले में हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी बनाने को तैयार है। 13 सितंबर को कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रखा था और कहा था वह केवल यह जानना चाहता है कि क्या केंद्र ने नागरिकों पर कथित तौर पर जासूसी करने के लिए अवैध तरीकों से पेगासस स्पाइवेयर इस्तेमाल किया है या नहीं।

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