हैदराबाद कांड के नतीजे के बाद अब निर्भया के आरोपियों को सताने लगा मौत का डर

हैदराबाद और उन्नाव कांड के बाद अब निर्भया के आरोपियों को मौत का डर सताने लगा है। इस बीच प्रशासन की ओर से इन चारों को फांसी दिए जाने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 04:34 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 08:28 AM (IST)
हैदराबाद कांड के नतीजे के बाद अब निर्भया के आरोपियों को सताने लगा मौत का डर
हैदराबाद कांड के नतीजे के बाद अब निर्भया के आरोपियों को सताने लगा मौत का डर

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। पूरे देश को झकझोरने वाले 16 दिसंबर 2012 के गैंगरेप आरोपियों को अब अपनी मौत पास दिखाई दे रही है। हैदराबाद गैंगरेप कांड के चारों आरोपियों का जो हाल हुआ उसके बारे में जानकार इन चारों के मन में और भी डर समा गया है। इस बीच तमाम संगठनों की ओर से 7 साल पुराने इस मामले में इन चारों आरोपियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग उठ रही है जिससे सरकार पर भी इनके लिए जल्द फैसला लेने का दबाव बन रहा है।

उधर पीड़िता के परिवार के लोग भी बीते 7 साल से न्याय का इंतजार कर रहे हैं। उन्नाव कांड के बाद से तो इस मामले को और भी तेजी से निपटाने की मांग की जा रही है। डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल निर्भया के मामले में जल्द से जल्द फैसला और आरोपियों को फांसी दिए जाने की मांग को लेकर राजघाट के पास धरना दे रही हैं वो बीते तीन दिनों से धरना स्थल पर बैठी हुई हैं।

16 दिसंबर को फांसी पर लटकाने की अटकलें तेज

हैदराबाद और उन्नाव कांड के बाद गैंगरेप के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग तेज हो गई है। 16 दिसंबर 2012 को निर्भया गैंगरेप की वारदात के चारों आरोपियों को इसी दिन (आगामी 16 दिसंबर) फांसी पर लटकाने की अटकलें तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि तिहाड़ जेल में बंद चारों दोषियों के मामले में फांसी पर लटकाए जाने से रोकने के लिए राष्ट्रपति के नाम लिखी गई दया याचिका दिल्ली सरकार से खारिज किए जाने के बाद एलजी हाउस से होती हुई केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंच गई है। यहां से इसे राष्ट्रपति के पास पहुंचाया जाएगा। जहां अगर इस याचिका को खारिज कर दिया जाता है तो फिर संबंधित कोर्ट इन चारों को फांसी पर लटकाए जाने के लिए डेथ वॉरंट जारी करेगा। 

दया याचिका खारिज होते ही फांसी की तैयारियां होंगी शुरू

जैसे ही इन चारों आरोपियों की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज की जाएगी। वैसे ही जेल प्रशासन इन्हें फांसी पर लटकाने के लिए तैयारियां शुरू कर देगा। हालांकि, इसके लिए कुछ कानूनी राय लेना शुरू भी कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश में कहा गया था कि राष्ट्रपति के पास से फांसी की दया याचिका खारिज होने के बाद भी दोषियों को 14 दिन का वक्त दिया जाना चाहिए। अगर वह निर्भया गैंगरेप जैसे मामले के दोषियों पर लागू नहीं होता है तो फिर राष्ट्रपति के पास से दया याचिका खारिज होने के बाद इन्हें कभी भी लटकाया जा सकता है। वह डेट 16 दिसंबर भी हो सकती है या कोई और। फांसी की डेट तय करना संबंधित कोर्ट का काम है।

फांसी कोठी की साफ-सफाई शुरू

उधर तिहाड़ जेल प्रशासन ने जेल नंबर-3 में स्थित फांसी कोठी को तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। यहीं पर फांसी का तख्ता है। इसी फांसी तख्ते पर सजा पाए कैदियों को फांसी के तख्ते पर लटकाया जाता है। एक जानकारी ये भी है कि इस फांसी तख्ते का लंबे समय से इस्तेमाल नहीं किया गया जिसके कारण यहां लंबी-लंबी घासें और झाड़ियां उग आई हैं। इनकी साफ सफाई का काम किया जा रहा है। साथ ही फांसी के तख्ते को भी चेक किया जा रहा है कि यह फांसी देने के लिए ठीक है या नहीं। एक बात ये भी सामने आ रही है कि तिहाड़ जेल के पास फिलहाल कोई जल्लाद नहीं है, लेकिन उसकी व्यवस्था भी कर ली जाएगी।

गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने के लिए आ रहे ई -मेल

एक दूसरी बात ये भी सामने आ रही है कि तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जेल प्रशासन के पास लगातार ई-मेल आ रहे हैं। इंजीनियर, डॉक्टर और चार्टर्ड अकाउंटेंट जैसे प्रफेशनल्स दोषियों को फांसी पर लटकाने की बात कह रहे हैं। जेल अधिकारियों को भेजे गए ई-मेल में उन्होंने लिखा है कि अगर जल्लाद नहीं मिलता है तो ऐसे आरोपियों को फांसी पर लटकाने के लिए वे तैयार हैं। तिहाड़ जेल के एक और अधिकारी ने बताया कि जेल में बंद मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को फांसी पर लटकाने के लिए जेल का स्टाफ भी तैयार है। जेल के जिस स्टाफ ने आतंकवादी अफजल को फांसी पर लटकाया था उसने भी कहा है कि उसे खुशी होगी अगर जेल अधिकारियों ने उन चारों को फांसी पर लटकाने का मौका दिया। वो भी इसके लिए तैयार है। 

जेल स्टाफ के अलावा कैदी भी फांसी देने को तैयार

अधिकारियों का कहना है कि न केवल जेल स्टाफ बल्कि कई कैदी भी हैं, जो रोज कहते हैं कि अगर किसी का इंतजाम न हो तो वह फांसी पर लटकाने के लिए तैयार हैं। जेल अधिकारी के मुताबिक, लूट, चोरी, डकैती और हत्या जैसे अपराधों में बंद कैदियों को बलात्कार के आरोप में जेल में आने वाले कैदियों से चिढ़ होती है। जेल में उनके साथ दूसरे कैदी अच्छा सलूक नहीं करते।

शुरुआत में इन चारों को भी इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा था। जेल अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल, निर्भया के चारों दोषी अभी अलग-अलग जेल में बंद हैं। जैसे ही उनकी दया याचिका राष्ट्रपति के यहां से खारिज होगी वैसे ही उन्हें जेल नंबर-3 में शिफ्ट कर इन्हें फांसी पर लटकाने की तैयारियां शुरू कर दी जाएंगी। डेथ वॉरंट के हिसाब से उन्हें फांसी दी जाएगी। 

बक्सर में तैयार की जा रही स्पेशल रस्सियां

निर्भयां कांड के दोषियों को फांसी देने के लिए बिहार के बक्सर जेल में इन दिनों विशेष रस्सियां तैयार की जा रही हैं। लंबी कानूनी प्रक्रिया के बाद अब यह मामला अपने अंजाम तक पहुंचता दिख रहा है। सामूहिक दुष्‍कर्म व हत्‍या के इस मामले में दोषी मुकेश, पवन शर्मा, अक्षय ठाकुर और विनय शर्मा को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। दोषी करार दिए गए चारों गुनाहगारों को बक्सर जेल में बने फंदे पर लटकाया जाएगा। मनीला रस्सी (Manila Rope) के नाम से मशहूर फांसी के लिए रस्सी को तैयार करने के लिए बक्सर, केंद्रीय कारा को निर्देश मिल चुका है।

यहीं की रस्‍सी पर लटकाए गए थे अफजल व कसाब

बताया जाता है कि देश में केवल बक्सर जेल में ही फांसी देने वाली खास रस्सी तैयार होती है। यहीं बनी रस्सी से आतंकी कसाब (Kasab) व अफजल गुरु (Afzal Guru) को भी फांसी पर लटकाया गया था।

बक्सर जेल में बने फंदे से दी जाती है मौत

देश में आजादी के पहले से अब तक जितनी फांसी की सजा दी गई है। उनमें बक्सर जेल में बनी मनीला रस्सी का ही इस्तेमाल हुआ है। 1844 ई. में अंग्रेज शासकों द्वारा बक्‍सर केंद्रीय कारा में मौत का फंदा तैयार करने की फैक्ट्री लगाई गई थी। इससे पहले यह रस्सी फिलीपिंस के मनीला जेल में बनती थी, इसलिए इसे मनीला रस्सी भी कहा जाता है। देश में जब-जब मौत का फरमान जारी होता है, केंद्रीय कारा, बक्सर के कैदी ही मौत का फंदा तैयार करते हैं। इसे खास किस्म के धागों से तैयार किया जाता है।  

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