ड्रेस कोड नहीं मानने पर स्कूल की शर्मनाक करतूत, लेगिंस उतरवा कर छात्राओं को वापस भेजा घर
स्कूल की यूनीफार्म पहन कर नहीं आने पर करीब तीस छात्राओं को लेगिंस उतारने की सजा दी गई और स्कूल के बाद इसी अवस्था में ही घर भेज दिया गया।
वीरभूम, जागरण संवाददाता। बंगाल के वीरभूम में एक स्कूल में मासूम बच्चों को दी गई सजा ने शिक्षाजगत को शर्मसार कर दिया। स्कूल की यूनीफार्म पहन कर नहीं आने पर पहली से लेकर चौथी कक्षा के करीब तीस छात्राओं को लेगिंस उतारने की सजा दी गई। स्कूल के बाद इसी अवस्था में ही घर भेज दिया गया।
सूत्रों के अनुसार बीते सोमवार को जिले वीरभूम के बोलपुर में स्थित एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रथम से लेकर चौथी कक्षा में पढ़ने वाले करीब तीस बच्चियां ठंड की वजह से यूनीफार्म की बजाए लेगिंस पहन कर स्कूल पहुंच गई थीं। क्लास में पहुंची शिक्षिका की नजर पड़ते ही उसने इसकी सूचना प्रिंसिपल को दी। आरोप है कि प्रिंसिपल के आदेश पर ड्रेस कोड के इतर कपड़े पहन कर आने वाले सभी बच्चों की लेगिंस उतरवाने का आदेश दिया। इसके बाद बच्चों की लेगिंस उतरवा कर क्लास कराई गई। आरोप है कि स्कूल की छुट्टी होने के बाद उसी अवस्था में बच्चों को घर भेज दिया गया।
मासूम बच्चों को प्रिंसिपल की ओर से दी गई सजा को लेकर अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। उनका कहना है कि लेगिंस पहनी जा सकती है या नहीं इस बाबत स्कूल की ओर से कोई निर्देशिका जारी ही नहीं की गई थी। अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करा दी।
वहीं, प्रिंसिपल द्वारा मौखिक तौर पर माफी मांग पर भी मामला शांत नहीं हुआ। मामले के तूल पकड़ने पर प्रिंसिपल ने थाने पहुंचकर अभिभावकों से माफी मांग ली। उधर, स्कूल प्रशासन ने आरोप को खारिज कर दिया। सफाई दी कि कुछ बच्चे स्कूल यूनीफार्म की बजाए अन्य कपड़े पहनकर आ गए थे, जो स्कूल की नियमावली के खिलाफ है। कपड़े नहीं उतरवाए गए थे, बल्कि उन्हें कपड़े बदलने को कहा गया था। अभिभावकों का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।