केरल की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी सब्जियों को समर्थन मूल्य पर खरीदेगी
केरल की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार भी सब्जियों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की योजना बना रही है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार इसको लेकर योजना बना रही है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि को उद्योग की श्रेणी में लाना है।
खंडवा, जेएनएन। केरल की तरह अब मध्य प्रदेश सरकार भी सब्जियों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की तैयारी कर रही है। भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां खेती पर पूरे देश का विकास निर्भर है, इसीलिए केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हितों के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाएं शुरू की गई है। यह बात प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बुधवार को मीडिया से चर्चा के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि बीमा योजना के माध्यम से करोड़ों रुपये की राशि का वितरण किसानों के खाते में किया गया है। अनाज के समर्थन मूल्य के बाद अब सब्जियों के न्यूनतम दाम तय करने की योजना प्रदेश सरकार बना रही है ताकि कृषिष उद्योग की श्रेणी में आ जाए। गेहूं, चना, मूंग, मक्का की समर्थन मूल्य पर खरीदी के बाद अब सब्जियां भी समर्थन मूल्य पर खरीदी जाएंगी।
झारखंड भी तैयारी में, केरल समेत अन्य राज्यों का अध्ययन करेगी सरकार
किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य दिलाने और उन्हें बिचौलियों से मुक्त कराने के लिए झारखंड सरकार भी केरल की तर्ज पर सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय करेगी। सरकार ने इसके लिए कृषिष विभाग के विशेषष सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन को मंजूरी दे दी है, जो केरल, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के ड्राफ्ट का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सब्जियों की एमएसपी तय की जाएगी।
केरल में एक नवंबर से लागू होगी व्यवस्था
एक दिन पहले ही केरल सरकार ने कुल 21 खाने--पीने की चीजों के लिए एमएसपी का निर्धारण किया है। इसमें 16 किस्म की सब्जियां भी शामिल हैं। यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू होगी।
- जेली, साबूदाना जैसी फसलों (टेपियोका) की बेस प्राइस 12 रुपये प्रति किलो
- केला 30 रुपये
- अनानास 15 रुपये प्रति किलो
- टमाटर आठ रुपये प्रति किलो
किसानों को फायदा
लागत खर्च से 20 फीसद ऊपर दर पर एमएसपी तय की गई है। इस योजना के तहत केरल सरकार एक हजार स्टोर भी खोलेगी।