भारत में ट्रेनिंग ले रहे अफगान सैनिकों को छह महीने का वीजा मिलेगा
विदेश में शरण लेने वाले सैनिकों और कैडेट के अलावा कई ऐसे भी हैं जो भारत में ही रहना चाहते हैं और इसके लिए संबंधित एजेंसियों के संपर्क में हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद इन सैनिकों का भविष्य अधर में लटक गया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। देश के विभिन्न सैन्य अकादमियों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 180 अफगान सैनिकों और कैडेट को उनकी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद छह महीने का ई-वीजा दिया जाएगा। हालांकि, इनमें से 140 अफगान सैनिकों और कैडेट ने कनाडा, इंग्लैंड और जर्मनी जैसे पश्चिमी देशों के लिए वीजा का आवेदन किया है।
सूत्रों ने बताया कि सरकार की तरफ से विभिन्न संस्थानों में 180 से अधिक अफगान सैन्य कर्मियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिनमें से अधिकांश देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), चेन्नई में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) और खड़कवासला में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) पुणे में हैं।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि 2001 के बाद अफगानिस्तान में राष्ट्र निर्माण के प्रयासों के तहत इन अधिकारियों और कैडेट्स के प्रशिक्षण और अन्य खर्च भारत द्वारा वहन किया जा रहा था। इन कैडेट्स और अधिकारियों का भविष्य अनिश्चित है क्योंकि उनकी सेना पहले ही आत्मसमर्पण कर चुकी है और तालिबान देश की सत्ता में है। अफगान सैनिकों और कैडेट को वीजा का प्रस्ताव दिया जाएगा।
अब सैनिकों और कैडेट पर निर्भर करेगा कि वो अपने भविष्य को लेकर क्या फैसला करते हैं। विदेश में शरण लेने वाले सैनिकों और कैडेट के अलावा कई ऐसे भी हैं जो भारत में ही रहना चाहते हैं और इसके लिए संबंधित एजेंसियों के संपर्क में हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर कब्जा जमाने के बाद इन सैनिकों और कैडेट का भविष्य अधर में लटक गया है।