मंदिरों में सलाहकार समिति का गठन करेगी तमिलनाडु सरकार, नोबेल सम्मानित डुफ्लो भी होंगी शामिल
राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। सरकार ने केंद्र से टीका आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया और कर्नाटक की मेकेदातु बांध परियोजना के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
चेन्नई, एजेंसियां। तमिलनाडु की नवनिर्वाचित द्रमुक सरकार राज्य के लिए वृहत्तर स्वायत्तता हासिल करने के साथ ही केंद्र के साथ सहयोगपूर्ण संबंध के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। राज्य में नई सरकार बनने के बाद 16वीं विधानसभा के पहले औपचारिक संबोधन में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राज्य सरकार की नीतियों को रेखांकित किया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि तमिलनाडु सरकार मंदिर प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और सभी बड़े हिंदू मंदिरों में राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर से मुकाबला करने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी। सरकार ने केंद्र से टीका आवंटन बढ़ाने का आग्रह किया और कर्नाटक की मेकेदातु बांध परियोजना के प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
राज्यपाल ने कहा, 'यह सरकार राज्य के लिए वृहत्तर स्वायत्तता के अंतिम लक्ष्य को हासिल करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। संवैधानिक तरीके से यह सरकार केंद्रीय स्तर पर वास्तविक संघवाद की स्थापना का प्रयास करेगी। मजबूत राज्यों को मजबूत केंद्र बनाने की जरूरत है। यह सरकार राज्यों के अधिकार के पक्ष में मजबूती से खड़ी रहेगी और ऐसे अधिकारों में किसी प्रकार के हस्तक्षेप का संवैधानिक तरीके से विरोध करेगी।'
आर्थिक सलाहकार परिषद में शामिल होंगी नोबेल सम्मानित डुफ्लो
राज्यपाल ने कहा कि सरकार मुख्यमंत्री के लिए एक आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन करने जा रही है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी की नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एस्थेर डुफ्लो इसकी सदस्य बनाई जाएंगी। फ्रांसीसी-अमेरिकी अर्थशास्त्री डुफ्लो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी में गरीबी उन्मूलन एवं विकास अर्थशास्त्र की प्रोफेसर हैं। अन्य सदस्यों में भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, भारत सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन, विकास अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज और पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव एस. नारायणन शामिल होंगे।
परिषद की सिफारिश पर सरकार आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के कदम उठाएगी और सुनिश्चित करेगी कि विकास का लाभ समाज के सभी तबकों तक पहुंचे। राज्य की अर्थव्यवस्था चिंताजनक है। सरकार इसमें सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी और कर्ज का बोझ कम करेगी। तमिलनाडु की वित्तीय स्थिति पर जुलाई में एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा।