एसी कोचों के पैसेंजरों की इन आदतों को जानकर रह जाएंगे हैरान
देशभर के एसी कोचों से कीमती वस्तुओं के गायब होने की घटना आम बात हो गई है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। देशभर के एसी कोचों से तौलिए, चादरें और अन्य कीमती वस्तुओं के गायब होने की घटना आम बात हो गई है। इन कोचों में सफर करने वाले समृद्ध लोगों पर तौलिया, चादर और कंबल चोरी का संदेह रेलवे की ओर से जताया जा रहा है।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान ट्रेनों के वातानुकूलित कोचों से लाखों बेडरोल आइटम गायब हो गए। इनमें तौलिया, चादर, तकिए के गिलाफ, कंबल आदि शामिल हैं। गायब वस्तुओं का अनुमानित मूल्य 14 करोड़ रुपये से ज्यादा बताया जा रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में देशभर में ट्रेनों के एसी कोचों से करीब 21,72,246 बेडरोल आइटम गायब हो गए। इनमें 12,83,415 तौलिए, 4,71,077 चादरें और 3,14,952 तकिए के गिलाफ शामिल हैं। इसके अलावा, 56,287 तकिए और 46,515 कंबल गायब हैं।
इतना ही नहीं शौचालयों से मग, फ्लश पाइप और आईने की चोरी की रिपोर्ट भी नियमित तौर पर आती है। चोरी की इन घटनाओं ने उच्च श्रेणी के यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा प्रदान करने की कोशिश में जुटी रेलवे के लिए नई मुसीबत पैदा कर दी है।
वर्तमान में एससी कोचों में 3.9 लाख लिनेन रोजाना यात्रियों को दिए जाते हैं। इनमें प्रत्येक सेट में दो चादर, एक तौलिया, एक तकिया और एक कंबल होते हैं। अधिकारी ने बताया कि कोच सहायकों से मिली जानकारी के अनुसार, यात्रा की समाप्ति पर यात्री सबसे ज्यादा तौलिया और उसके बाद चादर चुराकर ले जाते हैं।
तौलिए की चोरी होने के कारण रेलवे ने फैसला लिया है कि एसी कोचों में सफर करने वाले यात्रियों को सस्ते, छोटे और एक बार इस्तेमाल करके फेंकने वाले नैपकिन दिए जाएंगे। रेलवे ने कुछ रेल-खंडों पर कंबलों का गिलाफ बदलना शुरू कर दिया है, जबकि सफाई का काम अब महीने की जगह हर पखवाड़े और सप्ताह होने लगा है।