बाबा का ढाबा के बाद अब कर्नाटक के रेवन्ना सिदप्पा की बदली जिंदगी, लोगों ने की मदद

बाबा दा ढाबा के बाद देशभर में अब जरुरतमंदों की मदद के लिए लोगों के हाथ बढ़ते जा रहे हैं। अब कर्नाटक में रेवन्ना सिदप्पा की जिंदगी भी बदल गई है। पौधे बेचने वाले रेवन्ना की मदद के लिए लोगों ने एक मेज कुर्सी और छाता प्रदान किए।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 08:53 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 09:09 AM (IST)
बाबा का ढाबा के बाद अब कर्नाटक के रेवन्ना सिदप्पा की बदली जिंदगी, लोगों ने की मदद
बाबा के ढाबा के बाद अब कर्नाटक के रेवन्ना सिदप्पा की बदली जिंदगी, लोगों ने की मदद।

बेंगलुरु, एएनआइ। 'बाबा का ढाबा' के बाद देशभर में अब लोग जरुरतमंदों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं। अब कर्नाटक में रेवन्ना सिदप्पा (Revanna Siddappa) की जिंदगी में भी काफी बदलाव आया है। राजधानी बेंगलुरु में सड़क किनारे औषधीय पौधे बेचने वाले 79 वर्षीय रेवन्ना की मदद के लिए लोगों ने एक मेज, कुर्सी और छाता प्रदान किए, जिसके बाद उनकी जिंदगी में बदलाव आया है।

दरअसल, सोशल मीडिया पर रेवन्ना सिद्धप्पा सड़क किनारे पौधे बेचेने की तस्वीर वायरल हो गई, जिसके बाद आस-पास के कुछ लोगों ने उन्हें टेबल, कुर्सी और छाता प्रदान किया। न्यूज एजेंसी एएनआइ से बातचीत करते हुए रेवन्ना सिद्धप्पा ने बताया कि वह कनकपुरा रोड पर सड़क के किनारे औषधीय पौधे (medicinal plants) बेचते थे। इस दौरान उन्हें किसी ने नोटिस किया और उनकी फोटो लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी। इसके बाद उन्हें काफी संख्या में लोगों ने मदद की। इस दौरान उन्हें कुर्सी, टेबल और छाता की मदद मिली। उन्होंने बताया कि इससे पहले वह केवल पांच पौधे बेचते थे, लेकिन अब यह संख्या दोगुनी हो गई है। 

बाबा दा ढाबा के संचालन करे वाले बुर्जुग दंपति की मदद

बता दें कि  फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर ढाबे की बदहाली का वीडियो वायरल होने के बाद प्रसिद्ध हुए बाबा का ढाबा को संचालित करने वाले बुजुर्ग दंपति की मदद के लिए शार्प साइट आइ हॉस्पिटल आगे आया था। अस्पताल ने दंपति की आंखों की संपूर्ण जांच की तो पता चला कि उन्हें कम दिखाई देता है। इस पर डॉ. समीर सूद ने दोनों की एक-एक आंख का ऑपरेशन किया। डॉ. सूद ने बताया कि दूसरी आंख का ऑपरेशन अगले कुछ माह में किया जाएगा। बाबा कांता प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से डॉक्टरों ने आत्मीयता के साथ उनका इलाज किया है, शुक्रिया अदा करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं।

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