न्यायिक ढांचे में सुधार के लिए बनेगा नया निकाय - CJI रमना

न्यायिक ढांचे में सुधार के लिए चीफ जस्टिस एनवी रमना ने एक नया निकाय बनाने की जरूरत पर बल दिया। CJI बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) की ओर से उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 05 Sep 2021 03:25 AM (IST) Updated:Sun, 05 Sep 2021 05:18 AM (IST)
न्यायिक ढांचे में सुधार के लिए बनेगा नया निकाय - CJI रमना
न्यायिक ढांचे में सुधार के लिए बनेगा नया निकाय- CJI रमना

नई दिल्ली, एएनआइ।  प्रधान न्यायाधीश (Chief Justice) एनवी रमना (NV Ramana) ने शनिवार को कहा कि देश की न्याय व्यवस्था कठिन चुनौतियों का सामना कर रही है। इसमें बुनियादी ढांचे का अभाव है, प्रशासनिक स्टाफ की कमी है और बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के पद रिक्त हैं। हालात में सुधार के लिए उन्होंने एक नया निकाय बनाने की जरूरत पर बल दिया। CJI बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआइ) की ओर से उन्हें सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नेशनल ज्यूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्पोरेशन गठित करने के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और जल्द ही सरकार को यह भेजा जाएगा।कार्यक्रम में कानून मंत्री किरण रिजिजू में भी मौजूद थे।

CJI ने कहा कि वह कानून मंत्री को एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करेंगे कि कितने कोर्ट भवन, चैंबर और अन्य सुविधाओं की जरूरत है। उन्होंने देखा है कि जब वह हाई कोर्ट में थे तब देखा था कि वहां महिलाओं के लिए शौचालय नहीं था। बड़ी संख्या में रिक्त पड़े जजों के पदों को बड़ी चुनौती करार देते हुए सीजेआइ ने उम्मीद जताई कि सरकार हाई कोर्ट में नियुक्तियों के लिए कोलेजियम द्वारा भेजे गए नामों पर उसी तेजी से फैसला करेगी जैसा कि उसने सुप्रीम कोर्ट में नौ जजों की नियुक्ति के लिए की थी। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कानून मंत्री रिजिजू को धन्यवाद भी दिया। जस्टिस रमना ने कहा कि उनकी कोशिश तत्काल आधार पर उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों से निपटने की है।

न्यायिक प्रणाली में महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व पर जताई चिंता

CJI रमना ने इस बात पर चिंता जताई कि स्वतंत्रता के 75 साल बाद भी न्यायिक प्रणाली में महिलाओं को पूरा प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा, 'उम्मीद की जाती है कि कम से कम 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व महिलाओं का सभी स्तर पर हो लेकिन मैं स्वीकार करता हूं कि बड़ी मुश्किल से हम 11 प्रतिशत महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुप्रीम कोर्ट की पीठ में प्राप्त कर सके।' शीर्ष अदालत में इस समय 33 न्यायाधीशों में चार महिला न्यायाधीश हैं।

जस्टिस गवई ने सीजेआइ की तुलना तेंदुलकर से की

सुप्रीम कोर्ट में एक बार में नौ जजों की नियुक्ति के लिए CJI रमना की सराहना करते हुए जस्टिस बीआर गवई ने उनकी तुलना पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से की। जस्टिस गवई ने कहा, 'जस्टिस रमना तेंदुलकर की तरह हैं जो एक बाद एक रिकार्ड ध्वस्त कर रहे हैं।' जस्टिस गवई ने कहा कि जस्टिस रमना असल टीम लीडर हैं। वह हमेशा आम लोगों के लिए चिंतित रहते हैं।

मैं तेंदुलकर नहीं : रमना

CJI ने कहा, 'आप सभी लोग नियुक्तियों के लिए मुझे श्रेय दे रहे हैं। लेकिन इसका श्रेय मुझे नहीं है। मैं सचिन तेंदुलकर नहीं हूं। पूरी टीम को एक साथ काम करना होगा, तभी हम मैच जीतेंगे।'

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