UP के इस जिले में दर्जनभर अनुसूचित परिवार बन गए ईसाई Gorakhpur News

UP के संतकबीर नगर जिले में दर्जनभर से अधिक अनुसूचित परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। यहां प्रलोभन देकर हिंदुओं को ईसाई बनाया जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 09:36 AM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 10:10 PM (IST)
UP के इस जिले में दर्जनभर अनुसूचित परिवार बन गए ईसाई Gorakhpur News
UP के इस जिले में दर्जनभर अनुसूचित परिवार बन गए ईसाई Gorakhpur News

संत कबीरनगर, राज नारायण मिश्र। संतकबीर नगर जिले के खलीलाबाद के ग्राम बयारा के दर्जनभर से अधिक अनुसूचित परिवारों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। पिछले छह माह से गांव की अनुसूचित बस्ती में हर रविवार को प्रार्थना सभा आयोजित कर लोगों को ईसाई धर्म की शिक्षा दी जा रही है। किसी को नौकरी दिए जाने तो कुछ को और प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है।

विवाद के बाद सामने आया मामला

बुधवार को एक परिवार में धर्म परिवर्तन को लेकर विवाद हुआ तो मामला सामने आया। गांव निवासी युवक शेषनाथ ने कहा कि उनके पिता ने परिवार के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए कहा। इसे लेकर उन्होंने पुरजोर विरोध किया और धर्म बदलने से इन्कार कर दिया। उन्होंने क्रास पहनने से मना करते हुए पूरे दिन भोजन भी नहीं किया। गांव में पिछले छह माह से इस प्रकार की गतिविधियां ईसाई मिशनरियों की ओर से चलाई जा रही हैं। गांव के एक दर्जन से अधिक परिवारों के पचास से अधिक लोगों ने धर्म परिवर्तन भी कर लिया है। शेषनाथ ने इसाई बने परिवारों के नाम भी बताए और कहा कि वह इस मामले में कानून का भी सहारा लेंगे। उनका आरोप है कि अनुचित लाभ दिलाने के नाम पर दलित परिवार के लोगों को बरगलाने का कार्य हो रहा है।

अक्‍सर आते हैं धर्म परिवर्तन के मामले

पूर्वांचल में धर्म परिवर्तन के मामले अक्‍सर सामने आते हैं। विगत वर्ष गोरखपुर में हिन्‍दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने धर्म परिवर्तन की सूचना पर जमकर बवाल किया था। इसमें गोरखपुर में ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित एक अस्‍पताल की भूमिका सामने आई थी। यहां भी लालच देकर गरीब लोगों को ईसाई बनाने का मामला सामने आया था। पुलिस के हस्‍तक्षेप से मामला किसी तरह से शांत हुआ था। 

धर्म परिवर्तन की जानकारी नहीं है। यह सही है कि गांव में कुछ बाहरी लोग आकर बैठक करते हैं। ठीक से पता करके, इसकी जानकारी अधिकारियों को भी देंगे। - छोटेलाल यादव, ग्राम प्रधान

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