बेंगलुरू के एक बोर्डिंग स्कूल के 60 छात्र पाए गए कोरोना पाजिटिव

बेंगलुरु शहरी जिला के डीसी जे मंजूनाथ ने बताया कि शहर के एक बोर्डिंग स्कूल के 60 छात्रों को रविवार को कोविड पाजिटिव पाया गया। बच्‍चों का टेस्‍ट करने के बाद यह जानकारी मिली। बच्‍चों को क्‍वारंटीन करने के बाद उनका इलाज शुरू कर दिया गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 10:59 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 11:03 PM (IST)
बेंगलुरू के एक बोर्डिंग स्कूल के 60 छात्र पाए गए कोरोना पाजिटिव
बेंगलुरु के एक बोर्डिंग स्कूल के 60 छात्रों को रविवार को कोविड पाजिटिव पाया गया।

 बेंगलुरु, एएनआइ। कई राज्‍यों में स्‍कूल तो खुल गए हैं, लेकिन अभी भी छात्रों के पॉजिटिव होने की खबरें आ रही हैं। ऐसा ही कर्नाटक में देखने को मिला है। बेंगलुरु शहरी जिला के डीसी जे मंजूनाथ ने बताया कि शहर के एक बोर्डिंग स्कूल के 60 छात्रों को रविवार को कोविड पाजिटिव पाया गया। बच्‍चों का टेस्‍ट करने के बाद यह जानकारी मिली। बच्‍चों को क्‍वारंटीन करने के बाद उनका इलाज शुरू कर दिया गया। इससे पहले हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में बच्‍चों के कोविड पाजिटिव पाए जाने के बाद वहां के स्‍कूलों को बंद कर दिया गया।

Karnataka | 60 students from a boarding school in Bengaluru tested positive for COVID, on Sunday: J Manjunath, DC Bengaluru Urban District— ANI (@ANI) September 28, 2021

उधर, भारतीय आर्युविज्ञान अनुसंधान परिषद ने स्कूलों को दोबारा खोलने के लिए चरणबद्ध तरीका अपनाने पर जोर दिया है। दरअसल, ICMR का नवीनतम अध्ययन सामने आया है, जिसमें ये बातें कही गई हैं।  यूनि‍स्‍को की रिपोर्ट के अनुसार 500 से अधिक दिनों तक भारत में स्कूलों के बंद रहने से 32 करोड़ से अधिक बच्चे प्रभावित हुए हैं।

विशेषज्ञों ने कहा है कि स्कूलों में संक्रमण की जांच करने से वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। इसके अलावा विशेषज्ञों के अनुसार अध्यापकों, कर्मचारियों और बच्चों को लाने-ले जाने में शामिल लोगों का टीकाकरण होना चाहिए और उन्हें टीका लगवाने के बाद भी मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए।

यह उपाय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि कोरोना संक्रमण होने या उसके फैलाव से टीकाकरण नहीं रोक सकता है। यह बात बड़ों और बच्चों के लिए समान रूप से सच है। उन्होंने कहा कि विभिन्न उपायों के साथ स्कूल खोलने से न केवल व्यक्तिगत रूप से सीखने की निरंतरता सुनिश्चित होगी बल्कि माता-पिता में यह विश्वास भी पैदा होगा कि स्कूल बच्चों के लिए सुरक्षित हैं।

बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन पर ट्रायल जारी

देश में अभी बच्चों और किशोर वर्ग के लिए कोविड वैक्सीन का ट्रायल जारी है। मौजूदा साक्ष्यों के अनुसार 12 या इससे अधिक उम्र के बच्चों व किशोरों पर कोरोना संक्रमण का खतरा अधिक है। इसलिए इन्हें वैक्सीन लगना जरूरी है। ICMR की ओर से किए गए अध्ययन में स्कूल के सभी स्टाफ व बच्चों के मास्क के इस्तेमाल, सैनिटाइजेशन के प्रोटोकाल समेत तमाम जरूरी कोरोना नियमों के पालन पर जोर दिया गया है।

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