छत्तीसगढ़ में 44 हाथियों के झुंड ने भोजन-पानी की तलाश में कोरबा के नए जंगल में जमाया डेरा
कभी एक साथ तो कभी दो के झुंड में घूम रहे हाथियों की दहशत से आसपास के दस गांवों के लोग रतजगा करने को मजबूर हैं।
कोरबा, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ में अपने लिए अनुकूल स्थितियां पाकर बड़ी संख्या में हाथी कोरबा जिले के कटघोरा वनमंडल में पहुंच रहे हैं। राहगीर उस समय स्तब्ध रह गए जब 44 हाथियों को बिलासपुर-अंबिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पार करते हुए देखा। वर्तमान में वे चोटिया कोल माइंस के ओवर बर्डन (कोयले के ऊपर की अतिरिक्त मिट्टी) में विकसित नए जंगल में डेरा जमाए हैं।
गांवों के लोग रतजगा करने को मजबूर
कभी एक साथ तो कभी दो के झुंड में घूम रहे हाथियों की दहशत से आसपास के दस गांवों के लोग रतजगा करने को मजबूर हैं। वनविभाग का मैदानी अमला व हाथी मित्र दल भी लगातार जनसंपर्क कर ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। केंदई रेंज के कोरबी सर्किल में एक बार फिर हाथियों का झुंड प्रवेश कर चुका है।
44 हाथियों का झुंड केंदई रेंज में पहुंचे भोजन-पानी की तलाश में
हथिनी व बच्चों समेत कुल 44 हाथी इस क्षेत्र में भोजन-पानी की तलाश में पहुंचे हैं। 25 व 19 के दो झुंडों में बंटकर अलग-अलग विचरण कर रहे हैं। पिछले तीन दिन से दोनों दलों के चोटिया वन क्षेत्र में घूमने की सूचना के बाद रात के वक्त भी हाथी मित्र दल समेत वन विभाग का मैदानी अमला गश्त कर रहा।
वन विभाग लोगों को दे रहा हाथियों के आगमन की जानकारी
एसडीओ एके तिवारी के दिशा-निर्देश व केंदई रेंजर अश्वनी कुमार चौबे के मार्गदर्शन में हाथी मित्र दल प्रभारी अजय कुमार साय, दल सहायक रवि कुमार कंवर व कोरबी सर्किल के परिक्षेत्र सहायक महेंद्र कुमार साहू टीम के साथ गजराज वाहन से अति संवेदनशील ग्राम लालपुर, रोदे, पोड़ीखुर्द, फुलसर, घुंचापुर, बनखेता, परला, कोईलारगडरा सहित अन्य में रात्रि भ्रमण कर लोगों को हाथी के अचानक आ जाने पर तात्कालिक कदम की जानकारी दे रहे हैं।