लॉकडाउन में 300 नक्सलियों के तैयार होने का खुलासा, छत्तीसगढ़ पुलिस के हाथ लगा पत्र
टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन चलाने वाले नक्सलियों ने कोरोना आपदा का फायदा उठाने की कोशिश तो की लेकिन एक चिट्ठी ने उनकी पोल खोल दी है। जानें क्या है इसमें खास...
अनिल मिश्रा, जगदलपुर। आमतौर पर मार्च से जून माह तक टीसीओसी (टेक्टिकल काउंटर अफेंसिव कैंपेन) चलाने वाले नक्सलियों ने कोरोना आपदा का फायदा उठाने की कोशिश तो की लेकिन एक चिट्ठी ने उनकी पोल खोल दी है। इससे लॉकडाउन के दौरान तैयार किए गए 300 नक्सलियों के बारे में जानकारी मिल गई है।
मुठभेड़ में मिला था पत्र
बस्तर आइजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली ट्रेनिंग के नाम पर बीच-बीच में युवाओं को बरगलाकर जंगल में ले जाते रहे हैं। अलबत्ता, ट्रेनिंग के बाद कुछ ही लोग उनसे जुड़ते हैं, बाकी भागकर घर वापस आ जाते हैं। पिछले दिनों हुई एक मुठभेड़ में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के माड़ डिवीजन के सुखलाल का पत्र मिला है।
पत्र में सनसनीखेज खुलासा
सुखलाल ने पत्र के जरिये नक्सली नागेश को बताया है कि जनवरी से मार्च के बीच टीसीओसी के प्रथम चरण में माड़ में आधा दर्जन एंबुश लगाए गए। इसके अलावा बस्तर में कोरोना लॉकडाउन के दौरान 300 युवाओं को नक्सियों ने जोड़ा है। नक्सलियों ने इस बार जनवरी से जून तक दो चरणों में छह महीने टीसीओसी चलाया।
20 नक्सली मारे गए
पत्र में पिछले छह महीने में 20 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि भी की गई है। यद्यपि छह महीने में सबसे कम नक्सली इसी साल मारे गए हैं। इससे पहले प्रतिवर्ष इस अवधि में 30 से 35 नक्सली मारे जाते रहे हैं। इस बार टीसीओसी के दौरान 202 नक्सली पकड़े गए हैं और 80 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है। इस अवधि में 27 जवानों ने बलिदान दिया।