खुदाई में निकले होलकरकालीन 2484 चांदी के सिक्के, ठेकेदार ने रख लिए अपने पास, गिरफ्तार
इन सिक्कों पर हिजरी सन् 1213 व 1217 अंकित है। ये सिक्के बादशाह शाह आलम गाजी के नाम से बने हैं। इनमें से कुछ पर भगवान शिव व सूर्य की आकृतियां अंकित हैं। ये देवी अहिल्या व तुकोजीरावजी होलकर द्वितीय के कार्यकाल के होकर लगभग 250 वर्ष पुराने हैं।
बड़वानी, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के बड़वानी जिला मुख्यालय पर नीमा समाज के इंद्र परिसर भवन के समीप हुई खुदाई में आठ अगस्त को चांदी के सिक्कों से भरा तांबे का घड़ा निकला था। इसे खोदाई कार्य करवा रहे ठेकेदार ने अपने पास रख लिया। सूचना पर पुलिस ने ठेकेदार 42 वर्षीय कैलाश पुत्र रणछोड़ धनगर को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने यह बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने उसके पास से होलकरकालीन 2484 चांदी के सिक्के जब्त किए हैं। इनका वजन 27 किलो 300 ग्राम है। पुलिस ने इनकी अनुमानित कीमत करीब 14 लाख रपये बताई है।
करीब 250 वर्ष पुराने बताए जा रहे
रविवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एसडीओपी रूपरेखा यादव ने यह जानकारी दी। टीआई राजेश यादव ने बताया कि ठेकेदार से पूछताछ की गई तो पहले वह पुलिस को गुमराह करता रहा। उसके घर से बरामद तांबे के घड़े पर 'श्री ओंकार महाराज की बजुका सं 1880' अंकित है। घड़े से फारसी भाषा अंकित चांदी के 2484 सिक्के जब्त किए गए। कैलाश द्वारा इस बात की जानकारी प्रशासन को नहीं देते हुए सिक्के स्वयं के घर में छुपाकर रखने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई।
रीवा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति व इतिहासकार डॉ. एसएन यादव ने बताया कि इन सिक्कों पर हिजरी सन् 1213 व 1217 अंकित है। ये सिक्के बादशाह शाह आलम गाजी के नाम से बने हैं। इनमें से कुछ पर भगवान शिव, बिल्व पत्र व सूर्य की आकृतियां भी अंकित हैं। ये देवी अहिल्या व तुकोजीरावजी होलकर द्वितीय के कार्यकाल के होकर लगभग 250 वर्ष पुराने हैं।
मुगलकालीन दुर्लभ चांदी के सिक्कों से भरा घड़ा मिला
ज्ञात रहे कि जून महीने में एमपी के एतिहासिक शहर बुरहानपुर के देड़तलाई के अंतर्गत गांव चौखंडिया में चल रहे मनरेगा के सड़क निर्माण की खुदाई में मजदूरों के हाथ मुगलकालीन चांदी के सिक्कों से भरा घड़ा (धातु वाला मटका) लगा था।
नेपानगर एसडीएम व पुलिस ने चांदी के घड़े को जब्त कर सील किया और पंचनामा बनाया। इन सिक्कों को पुरातत्व विभाग को सौंपा गया। घड़े में कुल 260 सिक्के हैं। इन सिक्कों पर मुगल बादशाहों और सुल्तानों के नाम लिखे हुए हैं। खुदाई में मिले सिक्कों पर उर्दू व अरबी भाषा अंकित है। ये सिक्के अकबर, जहांगीर व शाहजहां के शासनकाल के हैं। इनमें कुछ सिक्के सल्तनतकाल में शेरशाह सूरी के भी हैं। अकबर और जहांगीर के समय के कुछ सिक्के दुर्लभ व बहुमूल्य थे।