अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस : देश के 14 टाइगर रिजर्व को मिली कैट्स की मान्यता
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को इसे जारी करते हुए कहा कि उनकी कोशिश होगी कि देश के सभी 51 टाइगर रिजर्व को कैट्स की यह मान्यता मिले। इस दिशा में जरूरी उपाय किए जाएंगे।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने गुरुवार को देश के 51 टाइगर रिजर्व में से 14 को बेहतर संरक्षण और रखरखाव के लिए कैट्स (कंजरवेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड) की मान्यता दी है। बाघों के संरक्षण से जुड़ा यह एक विश्वस्तरीय प्रमाणीकरण है जिसका निर्धारण बाघों के बेहतर प्रबंधन से जुड़े उच्च मानकों और बेहतर कार्यप्रणाली के आधार पर किया जाता है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने गुरुवार को इसे जारी करते हुए कहा कि उनकी कोशिश होगी कि देश के सभी 51 टाइगर रिजर्व को कैट्स की यह मान्यता मिले। इस दिशा में जरूरी उपाय किए जाएंगे। इस मौके पर पेश की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के कुछ ही देशों के टाइगर रिजर्व को मौजूदा समय में यह मान्यता मिली है। इनमें पड़ोसी देश नेपाल, भूटान और रूस में एक-एक रिजर्व को कैट्स की मान्यता दी गई है। वहीं भारत के जिन टाइगर रिजर्व का यह मान्यता दी गई है उनमें भंडार मानस, काजीरंगा और ओरंग (असम);, सुंदरवन (बंगाल):, पन्ना, कान्हा, सतपुड़ा, पेंच (मध्य प्रदेश); वाल्मीकि (बिहार); दुधवा (उत्तर प्रदेश); अन्नामलाई और मुदुमलाई (तमिलनाडु); परम्बिकुलम (केरल) और बांदीपुर (कर्नाटक) शामिल हैं। मालूम हो कि टाइगर रिजर्व की यह मान्यता अंतरराष्ट्रीय संगठनों की देखरेख में दी जाती है।
अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस पर पीएम मोदी ने दी बधाई
आज इंटरनेशनल टाइगर डे है। इस अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी ने वाइल्ड लाइफ प्रेमियों को बधाई दी। उन्होंने इस संबंध में एक ट्वीट किया और इसमें लिखा, 'भारत 18 राज्यों में फैले 51 टाइगर रिजर्व्स का घर है। 2018 की आखिरी बाघ गणना में बाघों की आबादी में बढ़ोतरी देखी गई। भारत ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के समय से चार साल पहले बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य हासिल कर लिया।' बता दें कि रूस में 2010 में बाघों के संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा-पत्र में 2022 तक बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया गया था। बाघ क्षेत्र वाले देशों के शासनाध्यक्षों ने बाघ संरक्षण पर सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे और 2022 तक बाघ क्षेत्र की अपनी सीमा में बाघों की संख्या दोगुना करने का संकल्प लिया था। वहीं, इस बैठक के दौरान ही दुनिया भर में 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के रूप में मनाने का भी निर्णय लिया गया।