India China Tension : चीन के साथ 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत आज, जानें किन मुद्दों पर होगी चर्चा

भारत और चीन (India-China) पूर्वी लद्दाख (Eastern Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव को कम करने के लिए शनिवार को 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत करने जा रहे हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:09 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 11:55 PM (IST)
India China Tension : चीन के साथ 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत आज, जानें किन मुद्दों पर होगी चर्चा
भारत और चीन शनिवार को 12वें दौर की कोर कमांडर स्तर की बातचीत करने जा रहे हैं।

नई दिल्ली, जेएनएन। भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडर एक बार फिर शनिवार को बातचीत के लिए आमने-सामने होंगे। मई 2020 में भारत के पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का चीनी सेना द्वारा उल्लंघन करने के बाद यह दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच होने वाली 12वें दौर की वार्ता है। वैसे इस वार्ता को लेकर भी कोई बहुत सकारात्मक माहौल नहीं है लेकिन भारत की तरफ से गोगरा और हाट स्प्रिंग के इलाकों का मुद्दा उठाया जाएगा, जहां चीन वादा करने के बावजूद अपनी सेना को मई 2020 से पहले वाली स्थिति पर ले जाने के लिए तैयार नहीं हुआ है।

मई 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो

भारत लगातार कह रहा है कि जब तक चीन की सेना मई 2020 से पहले वाली स्थिति में वापस नहीं होती है, तब तक सीमा पर अमन-शांति की बहाली नहीं हो सकती। शनिवार को सुबह 10.30 बजे एलएसी पर चीनी सीमा के भीतर स्थित मोल्दो में सैन्य कमांडरों के बीच वार्ता की शुरुआत होगी। जानकारों का कहना है कि पूर्व की तीन-चार बैठकों की तरह इसके भी काफी लंबा चलने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि अब दोनों पक्षों के बीच गोगरा और हाट स्प्रिंग का मामला ही बचा हुआ है।

अब तक 11 दौर की बातचीत 

अभी तक दोनों पक्षों के बीच 11 दौर की सैन्य वार्ता हुई है और इससे पैगोंग लेक के दोनों तरफ के इलाकों से सैनिकों की वापसी में मदद भी मिली है। इस बार तकरीबन साढ़े तीन महीने बाद बैठक हो रही है और इस देरी के पीछे वजह यह है कि चीन की तरफ से लगातार आनाकानी की जा रही है। फरवरी 2021 में पैगोंग लेक के पास से चीनी सैनिकों की वापसी के बाद से चीन का रवैया बदला हुआ है।

विवाद का लंबा खिंचना ठीक नहीं

अभी 14 जुलाई, 2021 को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग ई के साथ मुलाकात में सैन्य वार्ता की तिथि जल्द से जल्द तय करने की बात कही थी। जयशंकर और वांग ई के बीच चली एक घंटे की बातचीत में दोनों पक्षों ने कहा था कि एलएसी विवाद को लंबा खींचा जाना आपसी रिश्तों के हित में नहीं है। इसके बावजूद चीन की तरफ से सहमति देने में 15 दिनों का समय लगा दिया गया।

13 घंटे चली थी पिछली बैठक  

अब तक कोर कमांडर स्तर की वार्ताओं के चलते कई जगहों पर दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटी हैं लेकिन अब भी कई इलाकों में सैन्‍य जमावड़ा बरकरार है। इन वार्ताओं दोनों देशों ने सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के साथ टकराव की नई घटनाओं से बचने पर सहमति जताते आए हैं। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच 11वें दौर की बातचीत अप्रैल महीने में हुई थी। लद्दाख की चुशूल-मोल्डो सीमा पर यह बैठक 13 घंटे से भी ज्यादा लंबी चली थी।  

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