मणिपुर में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद, असम में भी बन रहे ऐसे ही आसार, फैसला जल्‍द

कोविड-19 महामारी से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए मणिपुर सरकार ने सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद करने की घोषणा की है। यही नहीं असम में भी कुछ ऐसे ही आसार बन रहे हैं...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 09:27 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 11:36 PM (IST)
मणिपुर में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद, असम में भी बन रहे ऐसे ही आसार, फैसला जल्‍द
मणिपुर सरकार ने सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद करने की घोषणा की है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कोविड-19 महामारी से फैल रहे संक्रमण को देखते हुए मणिपुर सरकार ने सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद करने की घोषणा की है। यही नहीं असम में भी मुख्‍यमंत्री हेमंत विश्व सरमा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को देखते हुए कक्षा-10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं कराने का सुझाव दिया गया है।

काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन मणिपुर (Council of Higher Education Manipur, COHSEM) और बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (Board of Secondary Education, BOSEM) ने इस संबंध में अलग-अलग घोषणाएं की हैं। बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण साल 2021 की बोर्ड परीक्षाएं रद की जाती हैं। 

इससे अलग बयान में काउंसिल ऑफ हायर एजुकेशन मणिपुर ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुए हालात को देखते हुए उच्चतर माध्यमिक और 11वीं कक्षा की परीक्षाएं रद की जाती हैं। वहीं असम मंत्रिमंडल ने कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं करने का सुझाव दिया है। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला शिक्षा विभाग और अन्य हितधारकों के बीच शुक्रवार को होने वाली बैठक में लिया जाएगा।

असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व सरमा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद जल संसाधन मंत्री पीजूष हजारिका ने बताया कि कैबिनेट ने सुझाव दिया है कि कोरोना महामारी के चलते पैदा हुई स्थिति को देखते हुए हाई स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट, उच्च मदरसा और उच्चतर माध्यमिक की परीक्षाएं आयोजित कराना संभव नहीं होगा। बोर्ड परीक्षाओं की तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी लेकिन परीक्षा तभी होगी जब संक्रमण की दर दो फीसद से कम होगी।

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