103 वर्षीय गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी एचएस दोरेस्वामी ने जंग लड़कर कोरोना का हराया

प्रमुख गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी एचएस दोरेस्वामी ने कोविड-19 वायरस को हरा दिया। 103 वर्षीय गांधीवादी अपने घर लौट आए हैं। स्वस्थ होने के बाद उन्होंने बुधवार को कहा पांच दिन पहले लक्षण उभरे लेकिन कोई समस्या नहीं थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 12 May 2021 09:44 PM (IST) Updated:Wed, 12 May 2021 09:44 PM (IST)
103 वर्षीय गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी एचएस दोरेस्वामी ने जंग लड़कर कोरोना का हराया
मैं सांस की समस्या से जूझ रहा था, अब मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।

बेंगलुरु, प्रेट्र। प्रमुख गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी एचएस दोरेस्वामी ने कोविड-19 को हरा दिया। 103 वर्षीय गांधीवादी अपने घर लौट आए हैं। स्वस्थ होने के बाद उन्होंने बुधवार को कहा, 'पांच दिन पहले लक्षण उभरे, लेकिन कोई समस्या नहीं थी। इसके बाद भी मैंने अस्पताल में भर्ती होने का फैसला लिया, क्योंकि मैं सांस की समस्या से जूझ रहा हूं। अब मुझे अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।'

दोरेस्वामी ने कहा- प्रमुख कार्डियोलाजिस्ट की देखरेख में चला इलाज

दोरेस्वामी ने बताया कि उन्हें सरकार संचालित स्वायत्तशासी श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंस एंड रिसर्च में भर्ती किया गया था। जयदेव इंस्टीट्यूट के निदेशक डाॅ. सीएन मंजुनाथ एक प्रमुख कार्डियोलाजिस्ट और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के दामाद हैं। उन्होंने ही दोरेस्वामी की देखरेख की।

दोरेस्वामी भारत छोड़ो आंदोलन से देश की आजादी के आंदोलन में कूदे

10 अप्रैल, 1918 को जन्मे दोरेस्वामी भारत छोड़ो आंदोलन से देश की आजादी के आंदोलन में कूदे। 1943 से 1944 तक उन्हें 14 महीने तक जेल में रखा गया था। उन्होंने मैसुरु चलो आंदोलन में भी भाग लिया। सेंट्रल कालेज बेंगलुरु से विज्ञान में स्नातक दोरेस्वामी ने शिक्षा के पेशे को अपनाया और पौरावाणी नाम से अखबार भी निकाला।

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