UPSC Extra Attempt: आज होगी अगली सुनवाई, सिविल सेवा परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर मामले में जानें अब तक के अपडेट्स

UPSC Extra Attempt 2020 की परीक्षा में लास्ट अटेम्प्ट वाले 24 उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका में मांग गई है कि उन्हें 2021 में होने वाली परीक्षा में बैठने का अतिरिक्त मौका दिया जाए क्योंकि कोविड-19 के कारण मद्देनजर परीक्षा नहीं दे पाए थे।

By Rishi SonwalEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 04:04 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 07:36 AM (IST)
UPSC Extra Attempt: आज होगी अगली सुनवाई, सिविल सेवा परीक्षा के लिए अतिरिक्त अवसर मामले में जानें अब तक के अपडेट्स
कोर्ट द्वारा याचिकाकर्ताओं को 27 फरवरी तक जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई है।

UPSC Extra Attempt: वर्ष 2020 की परीक्षा में लास्ट अटेम्प्ट वाले 24 उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका अगली सुनवाई आज, 28 जनवरी, 2021 को की जानी है। वर्ष 2020 की परीक्षा में लास्ट अटेम्प्ट वाले 24 उम्मीदवारों द्वारा दायर याचिका में मांग गई है कि उन्हें 2021 में होने वाली सिविल सेवा परीक्षा में भी बैठने का अतिरिक्त मौका दिया जाए क्योंकि वर्ष 2020 में कोविड-19 के कारण मद्देनजर परीक्षा नहीं दे पाए थे और वर्ष 2021 की सिविल सेवा परीक्षा के लिए निर्धारित अधिकतम आयु सीमा को पार कर जाएंगे। आयु सीमा से संबंधित नियमों के अनुसार, वे 2021 की सिविल सेवा परीक्षा में भाग नहीं ले सकेंगे। बता दें कि पिछले वर्ष कोविड-19 महामारी के कारण अक्टूबर 2020 में आयोजित की गई यूपीएससी की सिविल सर्विसेज परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए उम्मीदवारों को अतिरिक्त मौका देने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी।

वहीं, 25 जनवरी को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 में संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में अपने लास्ट अटेम्प्ट से वंचित रह गए उम्मीदवारों को अतिरिक्त अवसर दिए जाने का 'नकारात्मक असर' पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि कुछ उम्मीदवारों को एक्स्ट्रा चांस या आयु में छूट देना परीक्षा में हिस्सा ले चुके उम्मीदवारों से भेदभाव करने जैसा होगा। केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामा में कहा गया था कि मौजूदा याचिकाकर्ताओं को समायोजित करने का निगेटिव प्रभाव पड़ेगा और यह पूरी कार्यप्रणाली के लिए नुकसानदायक साबित होगा। क्योंकि किसी भी लोक परीक्षा प्रणाली में हर उम्मीदवार को समान और निष्पक्ष अवसर प्रदान करने की जरूरत होती है।   

बता दें कि इससे पहले 22 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई की गई थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.एम. खानविल्कर, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की खण्डपीठ ने मामले की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एस.वी. राजू ने कोर्ट को बताया कि उन्हें 21 जनवरी 2021 की देर शाम फोन पर जानकारी दी गई कि यूपीएससी उम्मीदवारों को अतिरिक्त मौका नहीं दिया जाएगा। वहीं, खण्डपीठ ने एएसजी को केंद्र और यूपीएससी की ओर से इस संबंध में हलफनामा दायर करने के निर्देश के साथ मामले की अगली सुनवाई 25 जनवरी 2021 तक के लिए टाल दी थी। हालांकि, 11 जनवरी 2021 को हुई सुनवाई के दौरान एस.वी. राजू ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उम्मीदवारों को अतिरिक्त अवसर दिए जाने पर केंद्र सरकार व यूपीएससी द्वारा विचार किया जा रहा है।

बता दें कि 30 सितंबर 2020 को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार व यूपीएससी को निर्देश दिए थे कि इन उम्मीदवारों को आयु सीमा में छूट देते हुए एक अतिरिक्त अवसर दिए जाएं। बता दें कि आमतौर पर यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों को 32 साल की उम्र तक 6 अवसर मिलता है। वहीं, ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार 35 वर्ष की उम्र तक 9 बार परीक्षा दे सकते हैं। जबकि, एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवार 37 वर्ष की आयु तक जितनी बार चाहें, परीक्षा में भाग ले सकते हैं। 

दूसरी तरफ, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि जब तक इस मामले में सुनवाई पूरी नहीं हो जाती है, तब तक इस मामले में नया नोटिफिकेशन न निकाला जाए। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील ने कहा है कि हम केंद्र सरकार के हलफनामा पर जवाब दाखिल करना चाहते हैं। कोर्ट द्वारा याचिकाकर्ताओं को 27 फरवरी तक जवाब दाखिल करने की अनुमति दी गई है।

chat bot
आपका साथी