UP University Degree: उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को डाक से मिलेगी डिग्री

UP University Degree राज्यपाल जो कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों की चांसलर भी हैं ने दो राज्य विश्वविद्यालयों लखनऊ विश्वविद्यालय और भटखंडे म्यूजिक इंस्टीट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने छात्र-छात्राओं को उनकी डिग्री उनके घर पर डाक से भेजनी चाहिए।

By Rishi SonwalEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 12:46 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 12:53 PM (IST)
UP University Degree: उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों के छात्रों को डाक से मिलेगी डिग्री
राज्यपाल ने इससे पहले ऐसे सभी छात्रों के नाम, फोन नंबर और पते का डाटाबेस बनाने का सुझाव दिया था।

नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। UP University Degree: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे सुनिश्चित करें कि छात्रों को डिग्री के लिए मशक्कत न करनी पड़े। राज्यपाल, जो कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों की चांसलर भी हैं, ने दो राज्य विश्वविद्यालयों, लखनऊ विश्वविद्यालय और भटखंडे म्यूजिक इंस्टीट्यूट डीम्ड यूनिवर्सिटी के साथ एक ऑनलाइन समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि विश्वविद्यालयों को अपने छात्र-छात्राओं को उनकी डिग्री उनके घर पर डाक से भेजनी चाहिए।

समाचार एजेंसी आईएएनएस के अपडेट के अनुसार यूपी राज्यपाल ने सभी विश्वविद्यालयों और उनसे सम्बद्ध महाविद्यालय से कहा है कि वे अपने छात्रों को उनकी डिग्री दीक्षांत समारोह के बाद जल्द से जल्द समयबद्ध तरीके से उपलब्ध करायें। राज्यपाल ने इससे पहले ऐसे सभी छात्रों के नाम, फोन नंबर और पते का डाटाबेस बनाने का सुझाव दिया था।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसके साथ ही दोनो ही विश्वविद्यालयों के वायस-चांसलर को निर्देश दिया कि वे फैकल्टी मेम्बर्स की हायरिंग में भर्ती से सम्बन्धित मानकों और विस्तृत निर्देशों को विज्ञापन में ही जारी करें। चांसलर ने कहा कि इससे नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।

नये चुने गये ग्राम-प्रधानों के लिए वेबीनार और ट्रेनिंग प्रोग्राम

उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुए पंचायत चुनावों से चुने गये प्रधानों को जल कल्याण की योजनाओं के बारे में जागरूक करने के लिए राज्यपाल ने अपनी समीक्षा बैठक में सुझाव दिया कि सभी राज्य विश्वविद्यालयों इनके लिए वेबीनार और ट्रेनिंग सेशन आयोजित कर सकते हैं। “ज्यादातर महिला ग्राम प्रधान किसी न किसी स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। विश्वविद्यालयों को चाहिए कि वे इन्हें समाज के बुरे रिवाजों जैसे – दहेज, कन्या संतान को लेकर भेदभाव, आदि को लेकर जागरूक करें ताकि वे अपने क्षेत्र की महिलाओं को इन सामाजिक कुरीतियों से लड़ने में प्रोत्साहित कर सकें,” राज्यपाल ने कहा।

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