झारखंड मेंं 1 से 8वीं तक की कक्षा के लिए जल्द खुल सकते हैं स्कूल, कोविड-19 मामले घटने से सरकार कर रही है विचार

झारखंड मेंं कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के लिए के जल्द ही स्कूल खुल सकते हैं। राज्य में कोविड-19 संक्रमण मामलों में गिरावट आने के चलते झारखंड सरकार अब आठवीं कक्षा तक की कक्षाएं ऑफलाइन आयोजित करने पर विचार कर रही है।

By Nandini DubeyEdited By: Publish:Thu, 26 Aug 2021 10:30 AM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 10:30 AM (IST)
झारखंड मेंं 1 से 8वीं तक की कक्षा के लिए जल्द खुल सकते हैं स्कूल, कोविड-19 मामले घटने से सरकार कर रही है विचार
झारखंड मेंं कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के लिए के जल्द ही स्कूल खुल सकते हैं।

झारखंड मेंं कक्षा 1 से 8वीं तक के छात्रों के लिए के जल्द ही स्कूल खुल सकते हैं। राज्य में कोविड-19 संक्रमण मामलों में गिरावट आने के चलते झारखंड सरकार अब आठवीं कक्षा तक की कक्षाएं ऑफलाइन आयोजित करने पर विचार कर रही है। इससे पहले, राज्य सरकार ने कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया था, लेकिन कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों को फिर से खोलने पर कोई फैसला नहीं लिया गया था, लेकिन अब मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही इस पर कोई अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

वहीं इस संबंध में झारखंड के शिक्षा सचिव राजेश शर्मा (Jharkhand Education secretary Rajesh Sharma) ने जिला शिक्षा अधीक्षक के साथ बैठक कर आठवीं तक के स्कूलों को फिर से खोलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने राज्य भर के सभी स्कूलों के फर्नीचर की मरम्मत करने, शेष कक्षाओं के लिए कक्षाओं को साफ करने और साफ करने का आदेश दिया। इस निर्णय के आधार पर उम्मीद है कि झारखंड के स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला राज्य सरकार जल्द ही लेगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्कूलों में ऑफलाइन कक्षाओं के साथ-साथ ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने की संभावना है। फिलहाल, कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपने माता-पिता की सहमति से ही परिसर में कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति है। वहीं अगर 8वीं तक की कक्षाओं के लिए भी सरकार ऑफलाइन कक्षाओं की अनुमति दे देती है तो इनके लिए भी माता-पिता की अनुमति लाना अनिवार्य होगा।राज्य के स्कूलों को दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने और प्राथमिक कक्षाओं को फिर से खोलने के लिए पहले सभी पूर्व व्यवस्थाओं को पूरा करने के लिए कहा गया है।बता दें कि झारखंड ही नहीं केवल बल्कि देश के कई अन्य राज्यों ने पहले ही उच्च कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया है। हालांकि प्राथमिक कक्षाओं पर फैसला अभी भी कई राज्यों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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